RGAन्यूज़
समाज कल्याण अनुसूचित जाति एंव जनजाति कल्याण के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने सर्किट हाउस में मीडिया को बताया कि आश्रम पद्धति के विद्यालयों में छात्रों के चयन की प्रक्रिया को और बेहतर करना है। शुरुआत में यह ठीक था
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने दी अहम जानकारी।
अलीगढ़, प्रदेश में समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित 94 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों की सरकार सूरत बदलने जा रही है। विद्यालयों में नए शिक्षकों के भर्ती करने के साथ-साथ संसाधानों को भी बेहतर बनाया जाएगा। सभी विद्यालय सीबीएसई से भी संबद्ध होंगे। प्रदेश में वृद्धाअवस्था पेंशन को लिंक करने का काम 50 प्रतिशत पूरा हो गया है। इसके बाद किसी को बिना आधार लिंक के पेंशन नहीं दी जाएगी। अलीगढ़ के तीन दिवसीय भ्रमण पर आए समाज कल्याण अनुसूचित जाति एंव जनजाति कल्याण के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने सर्किट हाउस में मीडिया को बताया कि आश्रम पद्धति के विद्यालयों में छात्रों के चयन की प्रक्रिया को और बेहतर करना है। शुरुआत में यह ठीक था। सर्वोदय स्कूल की तरह दाखिले के लिए सिफारिश लगती थी। वर्तमान में स्थिति बिगड़ी हुई है। इसके लिए ज्वाइंट डायरेक्टर श्रीराम के नेतृत्व में विभागीय स्टडी टीम बनाई है। जो एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट मिलने के बाद पढ़ाई का स्तर बेहतर करने के साथ सभी विद्यालयों को सीबीएसई से संबद्ध किया जाएगा। अभी 94 में से 45 सीबीएसई बोर्ड से, शेष 49 माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश इलाहाबाद से सम्बद्ध हैं। इनमें 50 प्रतिशत छात्र एससी एसटी से 25 प्रतिशत ओबीसी और 25 प्रतिशत छात्र सामान्य वर्ग के हैं।
कोई पात्र न छूटे
मंत्री ने कहा कि वृद्धाअवस्था पेंशन को आधार से लिंक करने का काम तीन माह में 90 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा। इसके बाद पेंशन उन्हीं को दी जाएगी जिनका आधार लिंक होगा। हालांकि मीडिया में खबरें भी आ रही हैं कि बिना आधार के पेंशन नहीं मिलेगी। इससे लोगों में भय भी बना है। इसका मकसद एक ही है कि कोई पात्र छूटे नहीं और कोई मरने के बाद पेंशन न ले। वर्तमान व्यवस्था में तो तीन-चार माह तक मरे हुए की पेंशन ली जा सकती है। अधिक बच्चों को छात्रवृत्ति देने पर चल रहा विचार छात्रवृत्ति पर कहा कि एससी-एसटी में बजट पूरा रहता है। जितने बच्चे मांगते हैं उनको मिल जाता है। अगर वो पात्र हैं तो। लेकिन जनरल में समस्या रहती है। आधे बच्चों को ही मिल पाता है। क्योंकि मांगते ज्यादा और बजट कम रहता है
मंत्री ने डीएम से ली आधार लिंक की जानकरी
सबसे पहले उन बच्चों को छात्रवृत्ति दी जाती है जो सरकारी और एडेड स्कूलों में पढ़ते हैं। इसके बाद प्राइवेट स्कूल वालों को। सरकारी और एडेड स्कूलों में पढ़ने वालों को तो छात्रवृत्ति मिल जाती है। प्राइवेट वालों तक आते-आते बजट खत्म हो जाता है। अभी विचार चल रहा है कि छात्रवृत्ति मांग पर ही नहीं संख्या के आधार पर भी होनी चाहिए। इस पर विचार चल रहा है। अलीगढ़ की डीएम से असीम ने अलीगढ़ की डीएम सेल्जा कुमारी जे से भी आधार लिंक का अपडेट पूछा। डीएम ने बताया कि काम चल रहा है। जल्द से जल्द इसे