![Praveen Upadhayay's picture Praveen Upadhayay's picture](https://bareilly.rganews.com/sites/bareilly.rganews.com/files/styles/thumbnail/public/pictures/picture-4-1546617863.jpg?itok=SmNXTJXo)
![](https://bareilly.rganews.com/sites/bareilly.rganews.com/files/news/08_05_2022-gram-panchayat_22695122.jpg)
RGAन्यूज़
पंचायतों में अब कार्यों के लिए सामग्री आपूर्ति के लिए अब पंचायत पदाधिकारियों कर्मियों व उनके रिश्तेदारों को टेंडर नहीं मिलेगा। मुख्यमंत्री की जीरो टालरेंस नीति के अंतर्गत अलीगढ़ जिलाधिकारी ने तत्काल रोक के निर्देश जारी कर दिए ह
अब पंचायत पदाधिकारियों, कर्मियों व उनके रिश्तेदारों को नहीं मिलेगा टेंडर
अलीगढ़,केंद्रीय वित्त आयोग एवं राज्य वित्त आयोग के अंतर्गत पंचायत पदाधिकारी या कर्मचारी अब निर्माण आपूर्ति एवं अन्य कार्य अपने नजदीकी रिश्तेदारों की फर्म, कंपनी आदि को नहीं दिला सकेंगे। डीएम सेल्वा कुमारी जे. ने मुख्यमंत्री की जीरो टालरेंस नीति के अंतर्गत इस पर तत्काल रोक के निर्देश जारी कर दिए हैं।
डीएम ने कहा है कि केंद्रीय वित्त आयोग एवं राज्य वित्त आयोग के अंतर्गत कार्यों के लिए सामग्री आपूर्ति की आवश्यकता पड़ती है। वित्त आयोग के संचालन व अनुश्रवण में ईंधन, स्टेशनरी व अन्य सामग्री व सेवाओं की आपूर्ति भी होती है
इसमें पंचायती राज विभाग से जुड़े पदाधिकारियों-कर्मचारियों एवं उनके नजदीकी रिश्तेदारों की फर्म, कंपनी या आपूर्तिकर्ता-वेंडर के रूप में कार्य लेने से पारदर्शिता पर प्रश्न चिह्न लगता है। इसलिए जिला पंचायत अध्यक्ष, जिला पंचायत के कर्मी, जिला पंचायत राज अधिकारी, क्षेत्र पंचायत प्रमुख, खंड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी पंचायत, ग्राम पंचायत प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव, पंचायत सहायक, पंचायती राज विभाग के कर्मी व विभाग में संविदा पर कार्यरत कर्मी के पारिवारिक सदस्यों की फर्म आदि से कोई आपूर्ति या कार्य नहीं लिया जाए
परिवार-रिश्तेदार का तात्पर्य पिता, पितामह, ससुर, चाचा, मामा, पुत्र, पुत्र दामाद, भाई-भतीजा, भांजा, सगा चचेरा या ममेरा भाई, पत्नी का भाई और बहनोई, पति, पति का भाई, पति की बहन, पत्नी की बहन, पत्नी, पुत्री, पुत्रवधू, बहन, भाभी, जो भाई या सगे चचेरे, या ममेरे भाई की पत्नी हो, माता, सास, चाची, मामी से है।
डीएम ने जिला पंचायती राज अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि वित्त आयोग के अंतर्गत पीएफएमएस पर वेंडर के रूप में रजिस्टर्ड फर्म, कंपनी की पृष्ठभूमि की जांच कराएं। कार्यरत समस्त पदाधिकारी व कर्मचारियों से इस आशय का प्रमाण पत्र लिया जाए कि उनके या उनके परिवार-रिश्तेदार के नाम से कोई पंजीकृत फर्म, कंपनी आदि से कोई कार्य नहीं लिया