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एनसीआर ने रेलवे स्टेशनों के नाम की को-ब्रांडिंग के लिए गाइडलाइन जारी की है। इच्छुक लोगों से ईओआई आमंत्रित की है। गैर-किराए वाले रेवेन्यू को बढ़ाने के लिए विज्ञापन जारी किया है। हालांकि टाइम टेबल टिकट घोषणाओं और रूट मैप में स्टेशन का पुराना वास्तविक नाम ही चलता रहेगा।
उत्तर मध्य रेलवे के अंतर्गत प्रयागराज मंडल के रेलवे स्टेशनों का नाम बदल जाएगा।
प्रयागराज,जल्द ही रेलवे स्टेशनों के बोर्ड पर उनका नाम बदला बदला नजर आएगा। स्टेशन के नाम के आगे अथवा पीछे कुछ नया नाम जुड़ेगा। इसके लिए रेलवे स्टेशनों पर कमर्शियल ब्रांडिंग शुरू होने जा रही है। इससे रेलवे को तो फायदा होगा जो अपना नाम जोड़ेगा उसका भी प्रचार-प्रसार भी हो सकेगा।
एनसीआर ने रेलवे स्टेशनों के नाम की होगी को-ब्रांडिंग : उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) ने रेलवे स्टेशनों के नाम की को-ब्रांडिंग के लिए गाइडलाइन जारी की है। साथ ही इच्छुक लोगों से ईओआई (रुचि की अभिव्यक्ति) आमंत्रित की है। गैर-किराए वाले रेवेन्यू को बढ़ाने के लिए उत्तर मध्य रेलवे ने इसके लिए विज्ञापन जारी कर दिया है। हालांकि टाइम टेबल, टिकट घोषणाओं और रूट मैप में स्टेशन का पुराना वास्तविक नाम ही चलता रहेगा
प्रयागराज मंडल के स्टेशनों पर मिल सकेगी सुविधा : एनसीआर की गाइडलाइंस के अनुसार स्टेशन के मुख्य द्वार पर लगे बोर्ड से लेकर स्टेशन के अंदर लगे सभी बोर्ड पर ब्रांड्स का नाम जुड़ सकेगा। इसमें किसी लोकप्रिय हस्ती के नाम पर रखे गए रेलवे स्टेशनों के नाम की को-ब्रांडिंग नहीं होगी। प्रयागराज मंडल के सभी रेलवे स्टेशनों पर को ब्रांडिंग की जा सकेगी।
क्या है
- सिर्फ स्टेशन के नाम वाले बोर्ड पर बदलाव होगा।
- को-ब्रांडिग में स्टेशन का वास्तविक नाम नहीं बदलेगा।
- बैन हुए विज्ञापनों को नहीं दिखाया जाएगा।
- सिर्फ दो शब्दों का नाम ही जुड़ेगा।
- को-ब्रांडिंग के शब्द अलग रंग के होंगे।
- ब्रांड का लोगों अथवा नाम दोनों में से किसी एक को लिखा जा सकेगा।
- को-ब्रांडिंग में किसी व्यक्ति के नाम नहीं लिखा जाएगा
एनसीआर के सीपीआरओ बोले : उत्तर मध्य रेलवे एनसीआर) के सीपीआरओ डा. शिवम शर्मा ने बताया कि गैर-किराए वाले रेवेन्यू को बढ़ाने के लिए को-ब्रांडिंग शुरू की गई है। इच्छुक लोग इसके लिए अपनी दाव