नेत्रदान के बाद अब त्‍वचा दान भी, मृत्‍यु के बाद छह घंटे तक स्किन ली जा सकेगी, एक वर्ष सुरक्षित रहेगी

Praveen Upadhayay's picture

RGAन्यूज़

स्‍वरूपरानी नेहरू अस्‍पताल यानी प्रयागराज में एसआरएन अस्‍पताल के स्किन बैंक में त्वचा को एक वर्ष तक सुरक्षित रखा जा सकेगा। जरूरत पड़ने पर यह त्वचा किसी के शरीर में लगाई जा सकेगी। एसआरएन के प्लास्टिक सर्जन डा. मोहित जैन ने बताया कि प्रस्ताव पर शासन ने अनुमोदन ह

प्रयागराज को चिकित्‍सा के क्षेत्र में बड़ी उप‍लब्धि मिलने वाली है। एसआरएन अस्‍पताल में स्किन बैंक बनाने की योजना है।

प्रयागराज, यूपी के प्रयागराज जिले को चिकित्सा के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासलि होने जा रही है। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज प्रशासन ने स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय (एसआरएन) परिसर में स्किन (त्वचा) बैंक की योजना बनाई है। इस संबंध में प्रस्ताव प्रदेश शासन को भेजा गया है। शासन ने इस पर मुहर लगाई तो अस्पताल परिसर में बन रही बर्न यूनिट में यह बैंक स्था

एसआरएन अस्‍पताल में बनेगा स्किन बैंक : एसआरएन अस्‍पताल में यह ऐसा स्किन बैंक होगा, जहां त्वचा को एक वर्ष तक सुरक्षित रखा जा सकेगा। यही नहीं जरूरत पड़ने पर यह त्वचा किसी के शरीर में लगाई जा सकती है। स्‍वरूपरानी नेहरू अस्‍पताल यानी एसआरएन के प्लास्टिक सर्जन डा. मोहित जैन ने बताया कि प्रस्ताव पर शासन ने अनुमोदन होना है। उसके बाद ही कोई 

त्‍वचा दान के इच्‍छुक लोग पंजीकरण करा सकेंगे : डा. मोहित जैन ने स्किन बैंक के संबंध में बताया कि जिस तरह से लोग नेत्रदान, देहदान करते हैं, उसी प्रकार त्वचा दान भी हो सकेगा। इच्छुक लोग अपने जीवनकाल में इसका पंजीकरण कराते हुए सहमति पत्र भरेंगे। त्वचा दान के लिए शिविर भी लगवाए जा सकते हैं। पंजीकृत लोगों की मृत्युपरांत त्वचा प्राप्त करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी

इसके लिए एक विशेष टीम कार्य करेगी।

मृत्यु के छह घंटे के भीतर ले सकते हैं त्वचा : किसी की मृत्यु होने पर जिस तरह से आंख के कार्निया प्राप्त करने की समय सीमा होती है उसी तरह से त्वचा भी छह घंटे के भीतर प्राप्त की जा सकती है। इस त्वचा को स्किन बैंक में सुरक्षित रखने की भी वैज्ञानिक विधि अपनाई जाएगी। एक साल के भीतर इस त्वचा का इस्तेमाल किसी जरूरतमंद के शारीरिक अंग पर किया जा सकता है।डा. मोहित जैन ने कहा कि पुराना डायलिसिस भवन जहां था वहां बन रही बर्न यूनिट अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से युक्त होगी। इसी में स्किन बैंक की अवधारणा है। जिसे शासन से हरी झंडी मिलने पर पूरा किया

यूपी में कहीं नहीं है ऐसा बैंक : मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डा. एसपी सिंह ने दावा किया है कि ऐसा स्किन बैंक प्रदेश में कहीं और नहीं है। इसकी स्थापना हुई तो यह उप्र का पहला ऐसा बैंक होगा। बताया कि डीजीएमई (चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय) से प्रस्ताव शासन में भे

  •  

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.