बरेली में रिकवरी वारंट के डर से बीमा कंपनी ने चुकाए आठ लाख, पढ़िए पूरा मामला

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RGAन्यूज़

बरेली में उपभोक्ता आयोग के आदेश के बावजूद बीमा कंपनी ने छह महीने तक रकम अदा नहीं की।जिला उपभोक्ता आयोग-प्रथम के अध्यक्ष घनश्याम पाठक ने विपक्षी को वसूली वारंट जारी करने की चेतावनी दी।जिसके बाद बीमा कंपनी ने उसे भुगतान कर दि

Bareilly News : बरेली में रिकवरी वारंट के डर से बीमा कंपनी ने चुकाए आठ लाख, पढ़िए पूरा 

बरेली, । पभोक्ता आयोग के आदेश के बावजूद बीमा कंपनी ने छह महीने तक परिवादिनी को रकम अदा नहीं की। काफी इंतजार के बाद परिवादिनी दोबारा आयोग में पेश हुई। पीड़ित ने आयोग में फरियाद की कि बीमा कंपनी रकम अदा नहीं कर रही है। विपक्षी के विरुद्ध कोई सख्त आदेश जारी किया जाए। तब जिला उपभोक्ता आयोग-प्रथम के अध्यक्ष घनश्याम पाठक ने विपक्षी को वसूली वारंट जारी करने की चेतावनी दी। आयोग ने चेतावनी में कहा कि यदि बीमा कंपनी आदेश का अनुपालन नहीं करेगी तो उसके खिलाफ वारंट जारी कर दिया जाएगा। तब जाकर पीड़ित को न्याय मिला

फर्म ने कर्मचारियों का कराया सामूहिक बीमा

बदायूं के शास्त्री नगर मोहल्ला निवासी चांदनी गुप्ता ने बताया कि उसके पति सुशील गुप्ता माधवबाड़ी स्थित मैसर्स पलाश लाजिस्टिक में वर्ष 2018 से कर्मचारी थे। फर्म ने कर्मचारियों का सामूहिक बीमा कराया। बीमा अवधि के दौरान 13 नवंबर 2019 को पीड़ित के पति की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। बीमा कंपनी ने बीमा रकम अदा नहीं की। परिवादिनी के कानूनी नोटिस का भी कंपनी ने कोई जवाब नहीं दि

उपभोक्ता आयोग में दायर किया दावा

अंत में चांदनी गुप्ता ने उपभोक्ता आयोग में दावा दायर किया। आयोग के समन पर भी विपक्षी कंपनी हाजिर नहीं हुई। तब एकपक्षीय आदेश जारी हुआ। जानकारी के बावजूद बीमा कंपनी ने आदेश का अनुपालन नहीं किया। आखिरकार उपभोक्ता आयोग को चेतावनी देना पड़ी। चेतावनी जारी होते ही बीमा कंपनी ने परिवादिनी को आठ लाख 11 हजार 640 रुपये का अकाउंट पेई चेक दे दिया।

फर्जी एफडीआर मामले में तेज हुई जांच

फर्जी एफडीआर लगाकर भुगतान करने के मामले में निर्माण विभाग ने जांच तेज कर दिया है। मंगलवार को नगर आयुक्त ने अब तक हुई जांच की रिपोर्ट तलब करते हुए ठेकेदारों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। नगर आयुक्त की सख्ती के बाद ठेकेदारों में खलबली मची है। वहीं कुछ ठेकेदार सफेदपोश की शरण में जाकर अपने गुनाहों के माफी के लिए मिन्नतें मांग रहे हैं। वहीं नगर आयुक्त अभिषेक आनंद ने बताया कि फर्जी एफडीआर मामले में जांच चल रही है, जल्दी ही कुछ अन्य ठेकेदारों पर कार्र

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