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बांदा जेल में डीआइजी जेल ने मुख्तार अंसारी की बैरक की तलाशी ली। हाते व रसोई समेत अन्य जगहों की जांच की गई। सीसीटीवी फुटेज देखे साथ ही डीएम व एसपी से मिले। इस दौरान उन्होंने गेट देर से खुलने के बारे में भी जानकारी ली
जेल डीआइजी संजीव त्रिपाठी ने मुख्तार की बैरक की ली तलाशी।
बांदा,। मंडल कारागार में माफिया मुख्तार अंसारी की जेल में खातिरदारी को लेकर डिप्टी जेलर व चार वार्डन के निलंबित किए जाने के बाद शासन ने सख्त रुख अख्तियार किया है। बाहर से खाना और डीएम-एसपी के निरीक्षण के दौरान सहयोग नहीं करने की रिपोर्ट शासन तक पहुंची। कारागार डीआइजी ने जेल का निरीक्षण किया और सीसीटीवी फुटेज देखे। खास नजर माफिया की बैरक और उसकी गतिविधियों की जांच पर रही। बाद में प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों से मिले। डीएम-एसपी से जेल का गेट देर से खुलने की वजह पर
माफिया मुख्तार अंसारी की मंडल कारागार के अंदर खातिरदारी करने समेत अन्य अनियमितता की शिकायत पर सोमवार रात डीएम अनुराग पटेल व एसपी अभिनंदन ने अचानक छापेमारी की थी। छापेमारी के समय सहयोग न करने समेत ड्यूटी के समय वाडी वार्न कैमरे न लगाने की रिपोर्ट जिलाधिकारी की ओर से डीजी कारागार को दी गई थी। जिसमें डिप्टी जेलर विरेश्वर प्रताप सिंह व चार वार्डन को डीजी कारागार की ओर से निलंबित किया गया था। इसी मामले को लेकर डीआइजी जेल संजीव त्रिपाठी ने बुधवार सुबह करीब 11 बजे जेल का निरीक्षण किया। मुख्तार की बैरक की विधिवत तलाशी कराई गई। हाते व रसोई आदि की भी जांच की गई। उन्होंने वहां बंदियों की दी जाने वाली सुविधाओं आदि की जानकारी की। खाने की व्यवस्था आदि को जांचा है। प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के छापेमारी के दौरान व उसके पहले के सीसीटीवी फुटेज देखे हैं। जिसमें वहां की गतिविधियों का उन्होंने पूरा आकलन किया
चाबी न होने की वजह से हुई देरी
इसके बाद उन्होंने डीएम व एसपी से जाकर मुलाकात की। जिसमें उन्होंने बताया कि चाबी वहां पर न होने से अधिकारियों को गेट पर खड़ा रहना पड़ा है। चाबी को मंगवाने में करीब 10 से 12 मिनट का समय तो हमेशा लगता है। डीआइजी ने बताया कि छापेमारी के पहले डिप्टी जेलर जेल बंद करवाने के बाद वहां से चले गए थे। चाबी फीचर्स में जमा हो चुकी थी। वहां से चाबी मंगवाने व डिप्टी जेलर को आने में समय लगना पाया गया है। इसी स्थिति को उन्होंने दोनों अधिकारियों के सामने स्पष्