अलीगढ़ में आयोजित गोष्ठी में बाल श्रम रोकने और बच्चों की शिक्षा पर दिया जोर

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RGAन्यूज़

अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर अलीगढ़ के उप श्रम आयुक्त कार्यालय में जागरूकता कार्यक्रम एवं विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में बाल श्रम समस्या एवं उसके समाधान के संबंध में प्रतिभागियों द्वारा विचार व्यक्त किए गए

अलीगढ़: गोष्ठी में बाल श्रम रोकने और बच्चों की शिक्षा पर दिया जोर

अलीगढ़, : अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर अलीगढ़ के उप श्रम आयुक्त कार्यालय में जागरूकता कार्यक्रम एवं विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में बाल श्रम समस्या एवं उसके समाधान के संबंध में प्रतिभागियों द्वारा विचार व्यक्त किए गए।

श्रम विभाग, चाइल्ड लाइन, बाल कल्याण समिति, भारतीय मजदूर संघ, उडान सोसायटी एवं अन्य सामाजिक संगठनों की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने 

इस दौरान उन्होंने अपने सम्बोधन में मुख्य रूप से सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न हितकारी योजनाओं से बाल श्रमिकों के परिवारों को जोड़ने पर विशेष बल देते हुए कहा गया कि यदि परिवार आर्थिक रूप से सक्षम होंगे, तभी बाल श्रमिकों की संख्या में कमी आयेगी।

सहायक श्रम आयुक्त बीएम शर्मा ने बाल श्रम जैसी कुप्रथा को समाप्त किये जाने की आवश्कयता पर बल देते हुए बच्चों की शिक्षा की महत्ता पर विशेष जोर दिया गया तथा अवगत कराया गया है कि बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 एंव संशोधित अधिनियम, 2016 के बारे में विस्तार से बताया तथा पूर्व में 83 खतरनाक उद्योगों के स्थान पर संशोधित अधिनियम, 2016 में मात्र 03 नियोजन (खनन, ज्वलनशील पदार्थ) को ही खतरनाक श्रेणी में रखा गया है तथा बालक एवं किशोर की अलग-अलग श्रेणी बना दी गयी हैं।

किसी भी नियोजन में 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे को कार्य पर लगाता है एवं चिन्हित किये जाने पर उसे दो वर्ष तक का कारावास या जुर्माना या सजा और अधिकतम 50,000 रूपये तक के जुर्माने का प्राविधान किया गया है।

इसके अतिरिक्त यह भी बताया कि बाल श्रमिक विद्या योजना (कण्डीशनल कैश ट्रांसफर योजना) के माध्यम से निराश्रित कामकाजी बच्चों को अवमुक्त कराकर शिक्षा की मुख्य धारा में सम्मिलित कराते हुए उनके आय की प्रतिपूर्ति किया जाना है एवं कामकाजी बच्चों को विद्यालय में 70 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के उपरान्त प्रति बालक हेतु 1000 रूपये प्रतिमाह एवं बालिका हेतु 1200 रूपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जाती 

चाइल्ड लाइन के निदेशक ज्ञानेन्द्र मिश्रा ने सम्बोधन में मुख्य रूप से अवगत कराया गया है कि अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा वर्ष 2002 में सर्वप्रथम बाल श्रम निषेध दिवस मनाने का प्रारम्भ किया गया था, जो निरन्तर मनाया जा रहा है। भारत में बालकों को संविधान में अनुच्छेद 15(3), 23, 24, 39, 45, 51(ए) में उनके शैक्षिक उन्नयन एवं लालन-पालन हेतु विभिन्न अधिकार सुनिश्चित किये गये हैं। साथ ही सरकार ने विभिन्न कानूनों एवं राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग का गठन करते हुए प्रत्येक राज्य में बाल संरक्षण आयोगों की संरचना स्थापित कर बाल एवं किशोरों के हित में महत्वपूर्ण कार्य किया गया है तथा बाल श्रम से सम्बन्धित किसी भी समस्या या शिकायत पर त्वरित गति से प्रभावी कार्यवाही अमल में लायी जाती है।

भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री विनोद शर्मा ने कूड़ा बीनने वाले बच्चों की ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा कि ऐसे बच्चों में गंभीर रूप से संक्रमण फैलने की संभावना अधिक रहती है। अतः इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है, जिसके क्रम में सहायक श्रमायुक्त, अलीगढ़ द्वारा अवगत कराया गया कि उक्त अधिनियम के अन्तर्गत राज्य स्तर पर नियमावली तैयार की जा रही है एवं अपने-अपने सुझाव/विचारों से इस कार्यालय को लिखित रूप में अवगत करायें, जिससे प्रस्तावों को शासन स्तर पर भेजा जा सके।

इसके साथ ही चाइल्ड लाइन के परियोजना समन्वयक प्रदीप कुमार व सौरभ ठाकर द्वारा बाल श्रमिकों के आर्थिक एवं शैक्षिक पुनर्वासन पर अपने विचार रखे तथा योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली दिक्कतों से अवगत कराया।

सहायक श्रम आयुक्त ने बताया कि श्रम विभाग द्वारा 40 प्रकार के निर्माण श्रमिकों के हितार्थ चलायी जा रही योजनाओं के विषय में विस्तृत जानकारी दी एवं बताया गया कि योजनाओं का लाभ पात्रतानुसार किसी भी जन सेवा केन्द्र अथवा upbocw.in पर जाकर अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

कार्यक्रम में श्रम प्रवर्तन अधिकारी मनोज कुमार, राजीव सक्सैना, प्रदीप कुमार सक्सेना, कपूर चन्द्र, रवेन्द्र चौधरी के अलावा तरूण सिंह, शरमीन इन्तिजार, जीशान खान, मंजू सिंह, कौशल कुमार, उमा शर्मा आदि उपस्थित

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