RGA न्यूज: लखनऊ
राज्यसभा चुनाव के मतदान में 23 मार्च को बहुजन समाज पार्टी का बेहद अहम सियासी गणित बिगाडऩे वाले अनिल सिंह ने दो दिन पहले सीएम योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में भेंट की थी। इस दौरान उन्होंने अपनी जान को खतरा बताया था। इसी के बाद गृह विभाग ने बहुजन समाज पार्टी के इस विधायक को वाई श्रेणी सुरक्षा देने का आदेश जारी कर दिया। राज्यसभा के चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने के इस मामले में बसपा प्रमुख मायावती ने विधायक अनिल सिंह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए पार्टी से निलंबित कर दिया था।
राज्यसभा चुनाव के मतदान में उत्तर प्रदेश में पहली वरीयता में भाजपा के आठ विजयी उम्मीदवारों को 39-39 वोट मिले। सपा की जया बच्चन को 38 वोट मिले। पहली वरीयता की गिनती में दसवीं सीट के लिए बसपा के भीमराव अंबेडकर को 33 वोट मिले और भाजपा के अनिल अग्रवाल को 22 वोट मिले। चुनाव से पहले बसपा उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित नजर आ रही थी। उन्हें बसपा के 19, समाजवादी पार्टी के दस, कांग्रेस के सात , आरएलडी के एक और निर्दलीय राजा भैया व विनोद सरोज एक-एक समेत कुल 39 विधायकों का समर्थन हासिल नजर आ रहा था। इसी बीच बसपा के मुख्तार अंसारी को जेल से वोट डालने की इजाजत नहीं मिली। इसके बाद बसपा विधायक अनिल सिंह वोटिंग से एक दिन पहले भाजपा विधायकों की बैठक में पहुंच गए और उन्होंने खुलेआम बीजेपी उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान कर दिया।