
RGA News ब्यूरो चीफ लखनऊ
बसपा प्रमुख मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को गठबंधन का ऐलान कर दिया। लखनऊ में पत्रकार वार्ता के दौरान मायावती और अखिलेश यादव की परंपरागत मुस्कान में आज आत्मसंतोष का भाव घुला हुआ नज़र आ रहा था। कयासबाजी की कोई संभावना न होने के बावजूद दोनों का मंच साझा करना कौतूहल का विषय रहा। गठबंधन में बराबर-बराबर सीटें लेने की घोषणा के बाद दोनों नेताओं का चेहरा ऐसे दमक रहा था मानो वे किसी बड़े झंझावात को रोकने के लिए मजबूत सुरक्षा घेरा बनाने में सफल हो गए हैं।
दोपहर 12.02 बजे दोनों नेता मंच पर आए तो दोनों की वेषभूषा भी परंपरागत ही रही। मायावती अपनी पसंदीदा बादामी कोट के साथ गले में बादामी रंग का ही स्टोल डाले हुए थीं तो अखिलेश लक-दक सफेद पायजामा कुर्ता के साथ सिर पर लाल टोपी पहने थे। मंच पर दोनों ने एक दूसरे को बुके देकर स्वागत किया तो उसमें भी दोनों दलों के ब्रांड बन चुके रंगों का समावेश था। बुके में लाल व नीले फूलों को शामिल करके भी शायद यह संदेश देने की कोशिश की गई कि यह गठबंधन एक दूसरे की पसंद बनने की ओर से अग्रसर है। मायावती ने अपने संबोधन में गठबंधन को पवित्र और सामाजिक भाईचारे पर आधारित बताकर भी इस मंशा का इजहार
एक दूसरे को गुलदस्ता दिया
एक दूसरे को गुलदस्ता देते वक्त भी दोनों के चेहरे खिले हुए थे। मंच पर पत्रकारों को संबोधन के बाद भी दोनों मुस्कुराते रहे।
मायावती का संबोधन हमेशा की तरह लिखित वक्तव्य पर ही आधारित था। वह ऐसा शायद इसलिए भी करती हैं क्योंकि वह अपनी बातों में किसी निहितार्थ की संभावना नहीं छोड़ना चाहतीं। इस बार भी उन्होंने कई बार ‘अर्थात’ के साथ अपनी बात पूरी तरह स्पष्ट की। सपा प्रमुख अखिलेश ने सपा के साथ गठबंधन करने और लोकसभा सीटों के बंटवारे में बराबरी का फार्मूला स्वीकार करने के लिए मायावती को बार-बार धन्यवाद दिया।
(एक दूसरे को गुलदस्ता देकर किया सम्मान)