मछली पालन भी मुनाफे का सौदा, मिल रहा सरकार की ओर से अनुदान

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RGAन्यूज़ ब्यूरो चीफ आगरा सोनू शर्मा

Fish farming मछली पालन को अपनाकर बढ़ाया जा सकता है कमाई को। प्रति हेक्टेयर है सात लाख रुपये लागत अनुदान की राशि अलग अलग। एक हेक्टेयर में 10 हजार मछली का उत्पादन हो सकता है। इसके दूसरे फायदे भी हैं।

आगरा:- मत्स्य संपदा के संरक्षण और संवर्द्धन से आप अपनी आय को भी बढा सकते हैं। पीएम मत्स्य संपदा के विभिन्न योजनाओं में आवेदन की तिथि बढ़ा दी गई है इच्छुक और पात्र किसान 15 सितंबर तक आनलाइन फार्म भर सकता है। पात्रता के दायरे में आने वाले व्यक्तियों को अनुदान राशि प्रदान की जाएगी।

उपनिदेशक मत्स्य (आगरा और अलीगढ़ मंडल) ने बताया कि मछली पालन (Fish farming) योजना आत्मनिर्भर बनाने में सहायक साबित हो सकती है। निजी भूमि पर तालाब बनाने वाले व्यक्तियों को अनुदान प्रदान किया जाएगा। प्रति हेक्टेयर सात लाख रुपये का अनुदान है। इसमें सामान्य, महिला, अनुसूचित जाति और जनजाति के लाभार्थियों को अनुदान की राशि अलग अलग है। अधिकतम दो हेक्टेयर तक अनुदान मिलेगा। उन्होंने कहा कि मछली पालन बहुत अधिक फायदेमंद है। हालांकि इसके प्रति संवेदनशील रहना होगा।

सामान्य व्यक्ति को लागत का 40 प्रतिशत

महिला, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को लागत का 60 प्रतिशत

ये हो सकते हैं लाभार्थी

मछुआ, मत्स्य पालक, मछली विक्रेता, मात्स्यिकी क्षेत्र के स्वयं सहायता समूह प्रमुख है।

एक किलो मछली के लिए एक घन मीटर स्थान

एक किलो की मछली के लिए एक घन मीटर जगह चाहिए। ये स्थिति पूरे एक साल तक रखनी होगी। अर्थात एक हेक्टेयर में 10 हजार मछली का उत्पादन हो सकता है। अधिक मछली होने पर मछलियों का विकास प्रभावित होता है।

मछली पालन से ये लाभ भी होंगे

- भूजल स्तर संतुलित।

- ग्राम पंचायत में स्थित तालाब के आवंटन से राजस्व की प्राप्ति

- पशुओं को आसानी से पानी मिल जाता है।

- आग लगने से होने वाली घटनाओं पर पानी का प्रबंध।

यहां कर सकते हैं संपर्क

उपनिदेशक राजेंद्र सिंह ने बताया कि सभी जिलों में सहायक निदेशक का कार्यालय स्थित है। विकास भवन में संचालित कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं इसके अलावा तहसील स्तर पर मत्स्य निरीक्षक भी तैनात हैं। उनसे भी जानकारी मिल जाएगी। 

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