

RGAन्यूज़ हरियाणा रोहतक
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का रोहतक में तीन सितंबर यानि आज महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में दौरा है। जहां नव-निर्मित फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर (एफडीसी) का उद्घाटन करेंगे। एफडीसी के इस नव-निर्मित भवन के निर्माण हेतु भारत सरकार के मानव संसाधान विकास (शिक्षा) मंत्रालय से अनुदान प्राप्त हुआ है।
रोहतक संवाददाता। हरियाणा के राज्यपाल तथा महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय तीन सितंबर को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में नव-निर्मित फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर (एफडीसी) का उद्घाटन करेंगे। एमडीयू के कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा ने बताया कि राज्यपाल-कुलाधिपति विश्वविद्यालय में एफडीसी उद्घाटन समारोह उपरांत विश्वविद्यालय के चयनित प्राध्यापकों तथा शोधार्थियों को रिसर्च इंसेंटिव अवार्ड्स भी प्रदान करेंगे। ये कार्यक्रम एफडीसी कांफ्रेंस हाल में आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. राजबीर सिंह करेंगे। कार्यक्रम तीन सितंबर को अपराह्न ढाई बजे से आयोजित किया जाएगा।
गौरतलब है कि विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालय शिक्षकों को विषयगत नवीनतम ज्ञान, नूतन शैक्षणिक प्रौद्योगिकी, उन्नत शिक्षण पद्धति आदि विषयों पर प्रशिक्षण देने तथा उनके ज्ञान विस्तारण के लिए एफडीसी की स्थापना की गई है। एफडीसी के इस नव-निर्मित भवन के निर्माण हेतु भारत सरकार के मानव संसाधान विकास (शिक्षा) मंत्रालय से अनुदान प्राप्त हुआ है।
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय की विधि विभाग की छात्रा शिवानी बंसल का चयन राजस्थान न्यायिक सेवा में सिविल न्यायधीश के तौर पर हुआ है। विभागाध्यक्ष प्रो. कविता ढुल ने छात्रा शिवानी बंसल को इस उपलब्धि के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी। प्रो. कविता ढुल ने बताया कि शिवानी बंसल ने राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा जारी सूची में 27वीं रैंक दर्ज कर विभाग और विश्वविद्यालय को गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा कि शिवानी बंसल की यह उपलब्धि विभाग के अन्य विद्यार्थियों को भी प्रेरणा देगी, उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रेरित करेगी। इस अवसर पर सेवानिवृत प्रोफेसर डा. प्रीत सिंह समेत विभाग के अन्य प्राध्यापकों ने भी शिवानी बंसल को बधाई देते हुए उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। विभागाध्यक्षा प्रो. कविता ढुल ने बताया कि विधि विभाग के विद्यार्थी हरियाणा,दिल्ली, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार समेत देश के अन्य राज्यों में अपनी सेवाएं न्यायिक अधिकारियों के तौर पर दे रहे हैं।