

RGAन्यूज़ संवाददाता हिमाचल प्रदेश कांगड़ा
मुख्यमंत्री के 13 सितंबर को प्रस्तावित कांगड़ा दौरे से पहले ही मंडल भाजपा में बगावत हो गई है। कांगड़ा भाजपा नेता जिला भाजपा सचिव व जिला परिषद सदस्य कुलभाष चौधरी ने रविवार को गगल में बैठक कर महिला शक्ति को एकत्रित कर शक्ति प्रदर्शन किया।
कांगड़ा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के 13 सितंबर को प्रस्तावित कांगड़ा दौरे से पहले ही मंडल भाजपा में बगावत हो गई है। कांगड़ा भाजपा नेता, जिला भाजपा सचिव व जिला परिषद सदस्य कुलभाष चौधरी ने रविवार को गगल में बैठक कर महिला शक्ति को एकत्रित कर शक्ति प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने ऐलान किया कि विधायक पवन काजल किसी भी सूरत में मंजूर नहीं हैं और भाजपा अगर उन्हें प्रत्याशी बनाती है तो वह चुनाव मैदान में ताल ठोंकेंगे।
कुलभाष चौधरी की इस बैठक को लेकर कांगड़ा मंडल भाजपा अध्यक्ष ने बयान जारी कर कहा है कि उन्हें इस बाबत कोई जानकारी नहीं है। कुलभाष चौधरी की यह निजी बैठक थी। कांगड़ा मंडल भाजपा में मचा घमासान शांत होने के बजाय दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। पवन काजल को भाजपा में शामिल करने के बाद कांगड़ा मंडल के कई नेताओं ने विरोध की आवाज बुलंद कर दी है।
पूर्व विधायक चौधरी सुरेंद्र काकू ने भाजपा से दूरी बना ली है और संजय चौधरी भी काजल की एंट्री से नाराज हैं। हालांकि कुलभाष चौधरी ने रविवार को नाराजगी खुलकर जाहिर कर एजेंडा तय भी कर लिया। कुलभाष ने तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है कि प्रदेश भाजपा यह आश्वासन दें कि काजल को किसी भी सूरत में कांगड़ा भाजपा उम्मीदवार नहीं बनाएगी तो वह पार्टी के साथ जुड़े रहेंगे, अन्यथा वह चुनाव मैदान में जरूर उतरेंगे।
तर्क दिया कि बूथ अध्यक्ष को भाजपा प्रत्याशी बनाए तो वह दिल खोलकर प्रत्याशी की जीत के लिए दिन-रात एक कर देंगे। पिछले रविवार को इस विवाद को सुलझाने के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप व संगठन महामंत्री पवन राणा ने भी कांगड़ा मंडल के नेताओं से बैठक की थी। बैठक में पवन काजल को भी बुलाया था।
कांगड़ा मंडल भाजपा अध्यक्ष सतप्रकाश सोनी का कहना है कि उन्हें बैठक की जानकारी नहीं है। चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान कुलभाष का निजी है। कांगड़ा मंडल भाजपा कुलभाष के चुनाव मैदान में उतरने का समर्थन नहीं करती है। उन्होंने कहा कि कुलभाष ने पार्टी के विरुद्ध बैठक की है और यह अनुशासनहीनता है।