देवी का पांचवां रूप हैं स्कंदमाता, अच्छी आयु और आशीष पाने के लिए इस तरह कर सकते हैं आराधना

Praveen Upadhayay's picture

RGAन्यूज़

Navratri 2022: देवी का पांचवां रूप हैं स्कंदमाता, अच्छी आयु और आशीष पाने के लिए इस तरह कर 

Navratri 2022 शारदीय नवरात्र में पांचवें दिन स्कंदमाता की आराधना की जाएगी। स्कंदमाता पार्वती का ही स्वरूप हैं। पूजा आराधना के साथ अपनी मां या उनके समान आयु की स्त्री की सेवा यदि पूरे मनाेयोग से करेंगे तो स्कंदमाता भी प्रसन्न हो जाएंगी।

आगरा, । शारदीय नवरात्र में पांचवां दिन शुक्रवार को  है। यह दिन देवी भगवती का पांचवां स्वरुप जगद्जननी स्‍कंदमाता का है। मातृगुणों से ओतप्रोत स्कन्दमाता भक्तों को अभय, आय और आशीष प्रदान करने वाली हैं। धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जोशी के अनुसार स्कन्दमाता भी पार्वती का ही स्वरूप हैं। स्कंदकुमार की माता होने के कारण उनका नाम स्कन्दमाता पड़ा। मां के पांचवें स्‍वरूप की साधना तभी पूर्ण मानी जाती है, जब साधक अपनी मां और मां की उम्र की स्त्री की सेवा पूरे मनोयोग के साथ करता है। मां स्‍कंदमाता की आराधना के दिन भूलकर भी अपनी माता और उनकी उम्र की किसी भी स्‍त्री का अपमान नहीं करना चा

News Category: 
Place: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.