निस्वार्थ समर्पण ही असली मित्रता- मुकेश मिश्रा

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RGAन्यूज़ बरेली समाचार

बरेली:- कटरा चांद का पुराना शहर स्थित प्राचीन श्री सीताराम मंदिर में चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के विश्राम दिवस पर व्यास मंचासीन कथावाचक आचार्य मुकेश मिश्रा ने कहा कि कथा कभी समाप्त नहीं होती इसका विश्राम होता है। आज यहां विश्राम लेती है कल दूसरी जगह प्रारंभ हो जाती है।कथा के दौरान कथा व्यास ने परीक्षित मोक्ष व भगवान सुखदेव की विदाई का वर्णन किया गया। कथा के बीच-बीच में भजनों पर श्रद्घालुओं ने नृत्य भी किया। इस दौरान कृष्ण-सुदामा की सजीव झांकी सजाई गई। जिसे देखकर श्रोता भावविभोर हो गए।कथा के विश्राम दिवस पर सुदामा चरित्र के माध्यम से भक्तों के सामने दोस्ती की मिसाल पेश करते हुए आचार्य ने कहा कि निस्वार्थ समर्पण ही असली मित्रता है। व्यासपीठ से समाज में समानता और आपसी प्रेम का संदेश दिया। मुख्य यजमान तोताराम गुप्ता ने पत्नी मिथलेश कुमारी सहित व्यासपीठ की पूजा अर्चना की। कथा प्रांगण में फूलों की होली खेली गई श्रद्धालुओं ने भाव विभोर होकर नृत्य किया। अंत में धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो, भारत माता की जय हो इन उद्घोष के साथ भागवत कथा का विश्राम हुआ। नम आंखों से श्रद्धालुओं ने कथा व्यास की विदाई की। 
इस मौके पर-  श्री सीताराम मंदिर के संरक्षक रामेंद्र प्रसाद गुप्त, अध्यक्ष दिनेश कुमार गुप्ता, उपाध्यक्ष दिनेश दद्दा एड. ब श्याम मनोहर गुप्ता, कोषाध्यक्ष उदय प्रकाश गुप्ता, सह कोषाध्यक्ष रामअवतार वर्मा, अतीत प्रकाश गुप्ता, अनिल कुमार सक्सेना ,नवीन सिन्हा, संतोष गुप्ता , रवि किशोर सक्सेना, नरेश गुप्ता, शेर बहादुर ,नंदलाल मोरिया,  सुनील गुप्ता, विवेक गुप्ता,  राज गुप्ता,  पंडित प्रदीप शर्मा,  लालता प्रसाद  एवं सोनू अर्पित आदि ने कथा में सहयोग किया I इस अवसर पर सैकड़ों भक्तजन उपस्थित थे l 
                

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