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शोध : सात साल की उम्र के बच्चों को भी हो रही यह मानसिक बीमारी। केजीएमयू व पीजीआइ चंडीगढ़ सहित देश के 16 संस्थानों के रिसर्च में हुआ खुलासा। ...
लखनऊ ब्यूरो चीफ :- अगर आपका बच्चा भ्रम की स्थिति में ज्यादा रहे और एक ही काम को बार-बार करता दिखे तो आप सावधान हो जाइए। हो सकता है कि वह मानसिक रोग ऑब्सेसिव कंपलसिव डिसआर्डर (ओसीडी) से पीडि़त हो। अब छोटे बच्चों में भी यह बीमारी हो रही है। अभी तक यह माना जाता था कि 15 साल व उससे अधिक उम्र के लोगों में यह रोग होता है, लेकिन अब सात साल के बच्चे भी इसका शिकार हो रहे है। केजीएमयू के मानसिक रोग विभाग और पीजीआइ चंडीगढ़ सहित देश के 16 संस्थानों के साथ मिलकर किए गए रिसर्च में यह सच सामने आया है।
केजीएमयू के मानसिक रोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आदर्श त्रिपाठी कहते हैं कि इस मानसिक रोग में लोग भ्रम की स्थिति में रहते हैं। वह बार-बार एक ही काम करते हैं फिर भी भरोसा नहीं होता कि ठीक किया है। जिन 945 मरीजों पर यह शोध हुआ उनमें 20 प्रतिशत बच्चे सात साल से 13 साल के बीच के थे। इन्होंने बीमारी के तीन साल बाद इलाज शुरू किया। यही नहीं इनमें 60 प्रतिशत पुरुष थे और 58 प्रतिशत शहरी थे। ब्रेन में सिरोटोनिन रसायन कम होने से बीमारी होती है। यह अनुवाशिंक भी होती है और गले में स्टेप्टोकोकल सिंड्रोम इंफेक्शन से भी हो सकती है। रोगी निरर्थक विचारों को मालूम होने के बावजूद उन पर अमल करता है।
ओसीडी के यह हैं लक्षण
- व्यक्ति बार-बार हाथ धोने लगते हैं या कपड़े साफ करते हैं। ताला या गैस बंद करने के बावजूद भी बार-बार चेक करते हैं कि बंद हुआ या नहीं। एक ही काम बार-बार करते हैं।
- ब्रेन का आरबिटो फ्रंटल कारटेक्स एरिया नहीं करता काम
- ब्रेन के आगे का आरबिटो फ्रंटल कारटेक्स एरिया जो कि हमारे सोचने, समझने, सामाजिक जीवन जीने और कठिन काम करने की क्षमता विकसित करता है, वह काम नहीं करता। जानबूझकर रोगी गलती करता है।