
RGA न्यूज़ टीम,लखनऊ
प्रदेश के विभिन्न अंचलों में शुक्रवार को हुई बारिश और ओलावृष्टि की वजह से जाती हुई ठंड वापस लौट आयी है। बारिश और सर्द हवा के चलते दिन व रात के तापमान में गिरावट के साथ ठिठुरन बढ़ गयी है। कृषि वैज्ञानिकों ने इस बारिश को कुल मिलाकर फसलों के लिए फायदेमंद करार दिया है।
मौसम विभाग के अनुसार शनिवार 26 जनवरी को पश्चिमी यूपी में मौसम साफ रहेगा, जबकि पूर्वी यूपी में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश होने या गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की सम्भावना जतायी गयी हैं। लखनऊ और आसपास के इलाकों में भी बदली-बारिश का सिलिसला जारी रहने के आसार जताये गए हैं।
शुक्रवार सुबह राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के अधिकांश इलाकों में घनी बदली छायी हुई थी, कहीं-कहीं छिटपुट बूंदाबांदी भी हो रही थी। इसके बाद तेज हवा के साथ बारिश का जो सिलसिला शुरू हुआ वह रुक-रुक रात तक चलता रहा।
मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे के बीच प्रदेश में सबसे अधिक तीन-तीन सेण्टीमीटर बारिश लखनऊ और कानपुर में रिकार्ड की गयी। इसके अलावा बस्ती, गोरखपुर, इलाहाबाद, सुल्तानपुर, फुरसतगंज, बाराबंकी, वाराणसी, झांसी व बरेली में भी अच्छी बारिश होने की सूचना है। इस दौरान राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के कई इलाकों में ओले भी पड़े।
इस बारिश और ओलावृष्टि की वजह से दिन के तापमान में खासी गिरावट दर्ज की गयी। झांसी और कानपुर में दिन का तापमान सामान्य से सात डिग्री नीचे चला गया। इसी तरह राजधानी लखनऊ, चुर्क, बरेली में दिन का तापमान सामान्य से पांच डिग्री कम दर्ज किया गया।
गुरुवार की रात भी प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश हुई। इस दौरान इलाहाबाइद, एटा, खैरागढ़, शिकोहाबाद में क्रमश: एक-एक सेण्टीमीटर बारिश दर्ज की गयी। गुरुवार की रात प्रदेश में सबसे कम 7.2 डिग्री सेल्सियस तापमान कानपुर नगर में दर्ज किया गया।
फसलों के लिए फायदेमंद है यह बारिश :
कृषि वैज्ञानिक लक्ष्मीशंकर कटियार के अनुसार शुक्रवार को हुई बारिश कुल मिलाकर फसलों के लिए फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि इस बारिश की वजह से खासतौर पर गेहूं की तैयार होती फसल को बहुत फायदा हुआ है। इसके अलावा चना, मटर, मसूर की फसलों में जहां-जहां अभी फूल नहीं आए हैं, वहां इन फसलों को भी लाभ हुआ है। जहां-जहां चना, मटर, मसूर की फसलों में फूल आने लगे हैं, वहां इस बारिश और ओलावृष्टि की वजह से नुकसान भी पहुंचा है। इसी तरह सरसों की फसल को भी ओलावृष्टि की वजह से नुकसान पहुंचने की आशंका है।