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RGA न्यूज़ संवाददाता
लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2019) से पहले बसपा (BSP) में बगावत के सुर सुनाई देने लगे हैं। वजह, टिकट को लेकर मची मारामारी बताई जा रही है। बसपा ने लोकसभा प्रभारी बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जैसा कि माना जाता है कि बसपा में लोकसभा प्रभारी बनाए जाने वाले अधिकतर को ही बाद में उम्मीदवार बना दिया जाता है। इसीलिए लोकसभा प्रभारी बनाए जाने वाले कुछ क्षेत्रों में विवाद की स्थिति शुरू हो गई है।
बसपा ने इस बार सपा से गठबंधन कर लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। बसपा-सपा 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। रायबरेली व अमेठी सोनिया गांधी और राहुल गांधी के लिए छोड़ी जाएगी। इसके अलावा दो सीटें अन्य के लिए छोड़ने की घोषणा दोनों पार्टियों के नेताओं ने कर दिया है। बसपा ने अपने कोटे में आने वाली 38 सीटों पर लोकसभा प्रभारी बनाने का काम शुरू कर दिया है। बात सबसे पहले राजधानी की मोहनलालगंज संसदीय सीट की करते हैं। सबसे पहले विवाद इसी सीट को लेकर शुरू हुआ।
मोहनलालगंज सीट से बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहने वाले के पीए को लोकसभा प्रभारी बनाए जाने की सूचना मात्र से ही हंगामा खड़ा हो गया और इस सीट से दो बार सांसद रहने वाली बसपा की नेता रीना चौधरी ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद विवाद आगरा संसदीय सीट को लेकर शुरू हुआ। इस सीट से भी लोकसभा प्रभारी बनाए जाने की सूचना पर हंगामा खड़ा हुआ। बताया जा रहा है कि संगठन से बाहर के व्यक्ति को आगे बढ़ाया जा रहा है, जबकि इस सीट से कोई और नेता तैयारी कर रहा था।