मेंटल हेल्थ को भी बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है पीसीओएस, ऐसे करें इसे मैनेज

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RGA news 

World Mental Health Day पीसीओएस में हॉर्मोन्स में होने वाली गड़बड़ी के चलते शरीर पर तो असर पड़ता ही है साथ ही साथ इसका मानसिक सेहत पर भी काफी प्रभाव पड़ता है जिसकी वजह से वजन बढ़ने लगता है और कई दूसरे लक्षण भी देखने को मिलते हैं। पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में तनाव बेचैनी और अवसाद जैसी समस्याएं के होने का खतरा काफी ज्यादा रहता है।

World Mental Health Day: मेंटल हेल्थ को कैसे प्रभावित कर सकती है पीसीओएस की समस्या?

HIGHLIGHTS

  1. हर साल 10 अक्टूबर को मनाया जाता है मेंटल हेल्थ डे।
  2. महिलाओं में पीसीओएस की समस्या बन सकती है तनाव, अवसाद की वजह।
  3. ऐसे पाएं पीसीओएस की प्रॉब्लम में तनाव से राहत।

नई दिल्ली, : पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) एक ऐसी समस्या होती है, जिसकी वजह से मेल हॉर्मोन एंड्रोजन ज्यादा मात्रा में बनने लगता है और प्रोजेस्‍ट्रॉन की मात्रा कम हो जाती है। यह शरीर में हॉर्मोन से जुड़े फंक्शन्स में रुकावट पैदा करता है। ऐसा माना जाता है कि हर 10 में से 1 महिला पीसीओेेएस की प्रॉब्लम से जूझ रही है।

पीसीओएस की वजह से होने वाले हॉर्मोनल असंतुलन का प्रभाव मस्तिष्क के ट्रांसमीटर्स पर पड़ सकता है, जिसकी वजह से मूड स्विंग, चिड़चिड़ाहट और काफी ज्यादा घबराहट महसूस हो सकती है। ओव्यूलेशन होने के बाद फॉलिकल्स डेवलपमेंट होने में परेशानी की वजह से गर्भधारण नहीं हो पाता, जोकि पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं के लिए एक अलग ही लेवल का स्ट्रेस है। इसलिए, चिकित्सकों के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वे पेशेंट को फिजिकली के साथ मेंटल सपोर्ट भी दें, इससे लड़ने के तरीकों के बारे में बताएं। किन वजहों से हो सकता है स्ट्रेस? 

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