KalBhairav Jayanti 2023: काल भैरव जयंती, भय और अकाल मृत्‍यु से बचने के लिए भैरव के इस रूप की करें पूजा

Praveen Upadhayay's picture

 

RGA धर्म कर्म न्यूज़

Kalashtami : भैरव अष्टमी का व्रत  मंगलवार 5 दिसंबर को रखा जाएगा और इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप कहे जाने वाले काल भैरव की पूजा की जाती है। भैरव भगवान को सभी कष्‍टों से दूर रखने वाला देवता माना गया है। उनकी कृपा से सभी दुख दूर होते हैं। आइए जानते हैं भैरव अष्टमी के बारे में विस्‍तार से।

Kalashtami 2023: भैरव अष्टमी 5 दिसंबर, मंगलवार को मनाई जाएगी। इस दिन भगव‍ान शिव के रूप माने जाने वाले भगवान भैरव की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। प्रत्‍येक मास के कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी को कालाष्‍टमी का व्रत रखा जाता है और भगवान शिव का रौद्र रूप माने जाने भगवान भैरव की पूजा की जाती है। कालभैरव को शिव का पांचवा अवतार माना गया है। आइए आपको बताते हैं भैरव अष्‍टमी का शुभ मुहूर्त, पूजाविधि और अलग-अलग रूप की पूजा करने के लाभ।

अगर आपको अपने जीवन में बार-बार दुखों का सामना करना पड़ रहा है तो इस समस्‍या को दूर करने के लिए भगवान भैरव की पूजा करें और कालाष्‍टमी का व्रत करें। इस दिन व्रत करने से आप भय और चिंता से मुक्‍त होते हैं और शत्रुओं से भी छुटकारा मिलता है।

कालाष्टमी व्रत की पूजा विधि

कालाष्टमी व्रत के दिन सुबह जल्‍दी स्‍नान करके स्‍वच्‍छ वस्‍त्र धारण करें। इस दिन काले वस्‍त्र पहनना शुभ माना जाता है। भगवान भैरव की मूर्ति के आगे धूप, दीपक, अगरबत्ती जलाएं और दही, बेलपत्र, पंचामृत, धतूरा और पुष्प अर्पित करें। पूजा करने के बाद भगवान को सरसों के तेल में बनी बूंदी कर भोग लगाएं और इस दिन प्रसाद काले कुत्‍ते को जरूर खिलाएं। इस दिन गरीबों में फल जरूर बांटें।

भगवान भैरव के 8 रूप

कपाल भैरव
इस स्‍वरूप में भगवान भैरव का रूप बेहद चमकीला है और वह हाथी की सवारी कर रहे हैं। उनके एक हाथ में त्रिशूल, दूसरे हाथ में तलवार और तीसरे में शस्त्र और चौथे में पात्र पकड़े हैं। भगवान भैरव के इन रूप की पूजा करने से कानूनी मामलों में जीत होती है और अटके हुए कार्य पूर्ण होते हैं।

क्रोध भैरव
भैरव के इस रूप का रंग गहरा नीला है। उनकी तीन आंखें हैं। भगवान के इस रूप का वाहन गरुण हैं और उन्‍हें दक्षिण-पश्चिम दिशा का देवता माना गया है। क्रोध भैरव की पूजा करने से आपका बुरा वक्‍त दूर होता है और कष्‍टों से लड़ने की क्षमता आती है।

असितांग भैरव
भगवान भैरव इस रूप में गले में सफेद कपालों की माला धारण किए हुए हैं और हाथ में भी एक कपाल पकड़ा हुआ है। तीन आंखों वाले असितांग भैरव की सवारी हंस है। इनकी पूजा करने से मनुष्य में कलात्मक क्षमताएं बढ़ती हैं और करियर में तरक्‍की होती है।

चंद भैरव
भैरव के रूप की पूजा करने से आपको से शत्रुओं पर विजय प्राप्‍त होती है और हर बुरी परिस्थिति से लड़ने की क्षमता आती है। इस रूप में भगवान की तीन आंखें हैं और उनकी सवारी मोर है। चंद भैरव एक हाथ में तलवार और दूसरे में पात्र और तीसरे में तीर और चौथे हाथ में धनुष धारण किए हुए हैं।

गुरु भैरव
भगवान गुरु भैरव हाथ में कपाल और कुल्हाड़ी पकड़े हैं और उनके दूसरे हाथ में तलवार है और उनकी सवारी बैल है। उनके शरीर पर सांप लिपटा है। गुरु भैरव की पूजा करने से अच्छी विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होती है ।

संहार भैरव
संहार भैरव भगवान के सिर पर कपाल स्थापित है और इनकी तीन आंखें, और वाहन कुत्ता है। संहार भैरव की आठ भुजाएं हैं और शरीर पर सांप लिपटा है। इनकी पूजा करने से मनुष्य के सभी पाप समाप्‍त हो जाते हैं और उनके स्‍वभाव में दयालुता बढ़ती है।

उन्मत भैरव
भगवान भैरव का यह रूप शांति का प्रतीक माना जाता है। उनका स्‍वभाव शांति से परिपूर्ण माना जाता है। भगवान के इस रूप की पूजा करने से आपके अंदर की सभी नकारात्मकता और बुराइयां समाप्‍त होती हैं। उनके शरीर का रंग हल्का पीला है और उनका वाहन घोड़ा है।

भीषण भैरव
भैरव के इस रूप की पूजा करने से बुरी आत्माओं के प्रभाव और ऊपरी बाधा से मुक्ति मिलती है। साथ ही अकाल मृत्‍यु का भय दूर होता है। उनके एक हाथ में कमल, दूसरे में त्रिशूल, तीसरे हाथ में तलवार और चौथे में एक पात्र है। भीषण भैरव का वाहन शेर है।

दैनिक राशिफल या आध्यात्मिक विचार, वास्तु ज्ञान और कुंडली का सार हर अपडेट के लिए जुड़िये हमारे व्हाट्सएप चैनल से।

News Category: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.