मिशन 2019: बिहार में राहुल की रैली के बाद फ्रंट फुट पर कांग्रेस, अब RJD दिखाएगा ताकत

Praveen Upadhayay's picture

RGA न्यूज़ संवाददाता बिहार पटना

बिहार में राहुल की रैली के बाद कांग्रेस फ्रंट फुट पर है, लेकिन राजद से टिकट बंटवारे में अभी भी पेंच फंसा हुआ है। कांग्रेस जहां ताकतवर है वहां राजद में भी टिकट के कई दावेदार हैं। ...

पटना:- जन आकांक्षा रैली के जरिए पटना के गांधी मैदान में 29 वर्षों के बाद बिहार कांग्रेस ने अपनी सियासी आकांक्षा का इजहार किया। रविवार को हुई पार्टी सुप्रीमो राहुल गांणी की इस रैली के बाद अब बारी राष्‍ट्रीय जनता दल (राजद) की है। लोकसभा चुनाव में सीटों की हिस्सेदारी और हैसियत बढ़ाने के मुद्दे पर महागठबंधन में जारी रस्साकशी के बीच सहयोगी दलों से अलग राजद अपने दम पर 'बेरोजगारी हटाओ-आरक्षण बढ़ाओ' यात्रा शुरू करने जा रहा है। खास बात यह है कि यह यात्रा उन क्षेत्रों में हो रही है, जहां कांग्रेस की सीटों को ले मजबूत दावेदारी है।

दरभंगा में कीर्ति आजाद की दावेदारी पर ग्रहण लगाएंगे मुकेश! 
आगामी सात फरवरी से प्रस्तावित इस यात्रा के पहले चरण में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की तीन सभाएं होनी हैं। पहली सभा दरभंगा में होनी है, जहां भाजपा के निलंबित सांसद कीर्ति झा आजाद के सहारे कांग्रेस साल भर से सपने सजा रही है। कीर्ति ने साफ कर दिया है कि वे हाथ (कांग्रेस) के साथ मैदान में जाएंगे। उनकी पत्नी पूनम झा आजाद पहले से ही कांग्रेस में हैं। 

राजद के दरवाजे से महागठबंधन में घुसे विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश सहनी ने दरभंगा को पहली पसंद बताकर कांग्रेस को असहज कर दिया है। सहनी की संभावना को भांपकर राजद के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी ने अपना रास्ता बदल लिया है। दरभंगा का मोह छोड़कर वह मधुबनी फतह की तैयारी में जुटे हैं, जहां पिछली बार राजद ने भाजपा के हुकुमदेव नारायण यादव के खिलाफ अब्दुल बारी सिद्दीकी को उतारा था। सीट बंटवारे पर बात करने के लिए साथ बैठने से पहले दरभंगा में राजद की सभा कांग्रेस की आकांक्षा पर भारी पड़ सकती है।
सुपौल में कांग्रेस के साथ पप्‍पू को हैसियत बताने की कवायद 
राजद की दूसरी सभा आठ फरवरी को सुपौल में होनी है, जो कांग्रेस के कब्जे में है। यहां से जन अधिकार पार्टी (जाप) के प्रमुख पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन कांग्रेस की सांसद हैं। मधेपुरा के सांसद पप्पू यादव से तेजस्वी की अदावत पुरानी है। वे राजद के टिकट पर ही लोकसभा तक पहुंचे थे, लेकिन बाद में तेजस्वी के आलोचक हो गए। सुपौल में तेजस्वी की जनसभा के जरिए राजद की मंशा साफ दिख रही है। राजद वहां कांग्रेस के साथ-साथ पप्पू को भी हैसियत बताने की कोशिश में है। कांग्रेस पर वह वैसा ही दबाव बढ़ाना चाहता है, जैसा कांग्रेस ने आकांक्षा रैली के जरिए बढ़ाया है। 

अपने दुर्ग की सुरक्षा की रणनीति पर भी चल रहा राजद 
राजद की तीसरी सभा नौ फरवरी को भागलपुर में होगी। प्रत्यक्ष तौर पर यहां कोई कहानी बनती नहीं दिख रही है, क्योंकि इस सीट पर राजद का ही कब्जा है। यहां बुलो मंडल सांसद हैं। जीत मामूली अंतर से हुई थी। ऐसे में कांग्रेस के कुछ नेताओं की महत्वाकांक्षा हिलोरें लेने लगी हैं। यहां कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा पिछले एक साल से तेवर में हैं। आठ बार से विधायक बनते आ रहे सदानंद सिंह की इच्छा भी अबकी दिल्ली जाने की है। सदानंद-अजीत की आकांक्षा का परोक्ष असर गठबंधन पर पडऩा लाजिमी है।

News Category: 
Place: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.