लोकसभा चुनाव: मध्य प्रदेश के चुनावी समर में उतर सकती हैं कांग्रेस-बीजेपी के इन दिग्गजों की पत्नियां

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RGA News मध्य प्रदेश

लोकसभा चुनाव 2019 में मध्य प्रदेश की इन तीन सीटों पर बीजेपी- कांग्रेस के तीन दिग्गजों की पत्नियां चुनावी मैदान में उतर सकती हैं। इन दिग्गजों में शामिल हैं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया।

लोकसभा चुनाव 2019 में विदिशा से चुनावी मैदान में उतर सकती हैं शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंहदिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता सिंह राजगढ़ या इंदौर से लड़ सकती है लोकसभा चुनाव, कयासों का दौर शुरूकांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया के गुना से चुनाव लड़ने की चर्चाएं जोरों परमध्य प्रदेश में डेढ़ दशक बाद कांग्रेस की सत्ता में हुई वापसी, आगामी लोकसभा चुनाव है काफी अहम

भोपाल 
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह के विदिशा, कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता सिंह के राजगढ़ या इंदौर और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया के गुना से चुनाव लड़ने की चर्चाएं जोरों पर हैं। दरअसल, आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस मध्य प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने की जुगत में है। इसके लिए दोनों दल उन सभी फॉर्म्युलों पर काम कर रहे हैं, जो उन्हें जीत दिला सकें। यही वजह है कि राज्य के तीन दिग्गज नेताओं की पत्नियों के भी चुनावी मैदान में हुंकार भरने के आसार हैं। 

बता दें कि मध्य प्रदेश में डेढ़ दशक बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई है, लिहाजा उसके लिए आगामी लोकसभा चुनाव काफी अहम है, वहीं दूसरी ओर बीजेपी अपनी पकड़ को किसी भी स्थिति में कमजोर नहीं होने देना चाहती। इन हालातों में दोनों दल राज्य के 29 लोकसभा क्षेत्रों के लिए अभी से फूंक-फूंककर कदम बढ़ा रहे हैं। इसके साथ ही हर उस चेहरे का सियासी आकलन जारी है, जो चुनाव लड़कर जीत दिलाने में सक्षम हो। 

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साधना सिंह के चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर 
विदिशा से केंद्रीय मंत्री और वर्तमान सांसद सुषमा स्वराज की ओर से चुनाव लड़ने से इनकार किए जाने के बाद से इस संसदीय क्षेत्र से शिवराज अथवा उनकी पत्नी साधना सिंह के चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर है। पार्टी सूत्रों का कहना है, ‘यह शिवराज का प्रभाववाला क्षेत्र है लिहाजा पार्टी शिवराज को यहां से चुनाव लड़ाकर उन्हें एक क्षेत्र तक सीमित नहीं करना चाहेगी, उनका राज्य और बाहर उपयोग किया जाएगा। इस स्थिति में उनकी पत्नी को पार्टी चुनाव मैदान में उतार सकती है।’ 

सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा है अभियान 
साधना सिंह लंबे अरसे से शिवराज के साथ राजनीतिक कार्यक्रमों में हिस्सेदारी के साथ बुधनी विधानसभा की चुनाव प्रचार अभियान की कमान संभाल चुकी हैं। उन्हें संगठन का भी अनुभव है। पिछले कुछ अरसे से सोशल मीडिया पर साधना सिंह के समर्थन में अभियान चलाया जा रहा है और उन्हें विदिशा से उम्मीदवार बनाए जाने की मांग की जा रही है। सोशल मीडिया पर लगातार दावा किया जा रहा है कि साधना सिंह को विदिशा से उम्मीदवार बनाए जाने पर पार्टी की जीत सुनिश्चित है, साथ ही उन्हें सशक्त उम्मीदवार भी बताया जा रहा है। 

कई कार्यकर्ताओं द्वारा भेजा जा चुका है प्रस्ताव 
उधर गुना संसदीय क्षेत्र से ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया के भी चुनाव लड़ने की संभावनाएं बन रही हैं। प्रियदर्शिनी को गुना से चुनाव लड़ाने का कांग्रेस कार्यकर्ता प्रस्ताव भी भेज चुके हैं। इसके अलावा प्रियदर्शिनी की 18 फरवरी से गुना संसदीय क्षेत्र में सक्रियता बढ़ रही है। वह यहां 24 फरवरी तक रहकर महिला सम्मेलनों में हिस्सा लेंगी। 

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'सिंधिया परिवार तय करेगा प्रियदर्शिनी चुनाव लड़ें या नहीं' 
ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रचार अभियान में अहम जिम्मेदारी निभाने वाले मनीष राजपूत का कहना है, ‘प्रियदर्शिनी राजे के चुनाव लड़ने का फैसला तो सिंधिया परिवार ही करेगा, हां इतना जरूर है कि गुना संसदीय क्षेत्र से तो चुनाव वही जीतेगा जिसे सिंधिया राजघराने का समर्थन हासिल होगा। इसकी वजह है, सिंधिया परिवार के सदस्यों ने यहां के लोगों को अपने परिवार का सदस्य माना है और उनकी बेहतरी के लिए वह सब किया जो करना संभव था। लिहाजा क्षेत्रीय लोगों और सिंधिया परिवार का रिश्ता पारिवारिक है।’ 

नर्मदा यात्रा के दौरान साथ थीं अमृता सिंह 
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता सिंह के राजगढ़ से चुनाव लड़ने की चर्चाएं गरम हैं। राजगढ़ दिग्विजय सिंह के प्रभाव का क्षेत्र है, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस संसदीय क्षेत्र की पांच विधानसभा सीटें जीती हैं, लिहाजा कांग्रेस के लिए लोकसभा चुनाव में सुरक्षित सीट मानी जा रही है। सिंह स्वयं राज्यसभा के सदस्य हैं और चुनाव लड़ने का फैसला पार्टी पर छोड़ चुके हैं। सिंह ने बीते साल (2018) नर्मदा यात्रा की थी, उस दौरान अमृता सिंह पूरे समय उनके साथ रहीं, साथ ही तमाम आयोजनों में उनकी मौजूदगी को लेकर कयासों का बाजार गरम है कि अमृता सिंह चुनाव लड़ सकती हैं। 

दिग्विजय सिंह के समर्थन से तय होगा उम्मीदवार?
पूर्व मुख्यमंत्री सिंह के करीबी सूत्रों का कहना है कि राजगढ़ संसदीय क्षेत्र पूरी तरह कांग्रेस के लिए सुरक्षित है, लिहाजा पार्टी आलाकमान के निर्देश के बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी, लेकिन इतना तो तय है कि उम्मीदवार वही होगा जिसे दिग्विजय सिंह का समर्थन होगा। इस संसदीय क्षेत्र के राघौगढ़ विधानसभा से सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह, खिलचीपुर से भतीजे प्रियव्रत सिंह और चाचौड़ा से छोटे भाई लक्ष्मण सिंह विधायक हैं। 

'कमलनाथ को भी चुनाव लड़ाया जाए तो हैरत जैसा कुछ नहीं'
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक गिरिजा शंकर का कहना है, ‘राज्य में भले ही कांग्रेस की सरकार बन गई हो मगर हकीकत यह है कि दोनों कांग्रेस और बीजेपी जीतते-जीतते रह गए हैं, लिहाजा आगामी लोकसभा चुनाव में कोई जोखिम नहीं उठाना चाहता और जीतने वाले पर दाव लगाएंगे। इसी वजह से नेताओं की पत्नियों को चुनाव लड़ाने की बात हो रही है। कांग्रेस अगर मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी लोकसभा चुनाव लड़ाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए।’ 

लोकसभा सीटों के अंतर को कम करना चाहती है कांग्रेस 
राज्य में अभी हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है, उसने बीएसपी, एसपी और निर्दलीय विधायकों के सहयोग से सरकार बनाई है। राज्य की 230 विधानसभा सीटों में कांग्रेस को 114, बीजेपी को 109 सीटें मिली है। वहीं, बीएसपी उम्मीदवार दो, एसपी एक और निर्दलीय चार सीटों पर जीते हैं। हालांकि, बीजेपी का वोट प्रतिशत कांग्रेस से ज्यादा है। लोकसभा की 29 सीटों में से बीजेपी के पास 26 और कांग्रेस के पास तीन सीटें हैं। अब कांग्रेस लोकसभा सीटों के फासले को कुछ कम करना चाहती है।

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