
RGA News संवाददाता लखनऊ
सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में एक शर्मनाक मामला सामने आया है। जिसमें एक महिला डॉक्टर ने इलाज कराने पहुंची डेढ़ साल की बच्ची के परिजनों से कहा पहले एक करोड़ रुपये कीमत का वेंटिलेटर ले आओ फिर बच्ची का इलाज कर देंगे। इस बीच बच्ची की मौत हो गई। पूरे वाक्ये का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद रविवार को महिला डॉक्टर को निलंबित कर मामले की जांच शुरू कर दी गई।
मेडिकल कॉलेज के प्रशिक्षण अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे मरीज के परिजनों का आरोप है कि शिशु रोग विभाग में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ज्योति राउत ने कुछ ऐसी मांग रख दी, जिसे पूरा करना गरीब परिवार के बस में नहीं था। डॉक्टर ने मरीज के परिजनों से कहा कि एक करोड़ रुपये की वेंटिलेटर मशीन आपके बच्चे के इलाज के लिए चाहिए, आप ला देंगे क्या? अन्तत: अव्यवस्थाओं के बीच मासूम की मौत हो गई।
इस पूरे मामले को लेकर परिजनों ने डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन को बच्ची की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया, वहीं उनके खिलाफ करवाई की मांग को लेकर बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के प्रशासनिक भवन के बाहर बच्ची का शव रखकर अपना आक्रोश जाहिर किया। दरअसल, शुक्रवार को कर्रापुर के देवेन्द्र अहिरवार की डेढ़ वर्ष की मासूम बेटी अंशिका खेलते-खेलते गर्म पानी की चपेट में आ गई थी, जहां वह बुरी तरह झुलस गई। परिजनों ने बच्ची को बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सागर में इलाज हेतु भर्ती किया था।
पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद मामले ने तूल पकड़ा और कॉलेज प्रबंधन ने संज्ञाल लेते हुए महिला डॉक्टर को निलंबित कर दिया और मामले की जांच का आदेश दिया।