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RGA News संवाददाता लखनऊ
ओमप्रकाश राजभर ने पिछड़ा वर्ग आयोग की नियुक्तियों में अपने लोगों को नजरअंदाज करने पर नाराजगी जताते हुए पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का जिम्मा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लौटा रहे हैं।...
लखनऊ:- प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार को समर्थन दे रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के अपना एक विभाग मुख्यमंत्री को वापस लौटाने का मामला तूल पकड़ गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ की लखनऊ में गैरमौजूदगी के बीच डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने आज कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर से उनके आवास पर जाकर भेंट की।
भारतीय जनता पार्टी के साथ ही प्रदेश सरकार पर लगातार हमला बोलने वाले योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर अब एक कदम आगे बढ़ गए हैं। लोकसभा चुनाव की आहट के बीच लंबे समय से अपनी सरकार के खिलाफ मुखर ओमप्रकाश राजभर ने आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपने पास से एक विभाग वापस कर दिया है। प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चार विधायक हैं। कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के इस कदम के बाद डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा उनसे भेंट करने उनके सरकारी आवास 9 ए कालिदास मार्ग पर पहुंचे। इनके बीच करीब 40 मिनट तक वार्ता चली।
कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने प्रदेश में पिछड़ा वर्ग आयोग की विभिन्न नियुक्तियों में अपने लोगों को नजरअंदाज किये जाने पर नाराजगी जताते हुए आज कहा कि वह अपने पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का जिम्मा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लौटा रहे हैं। ओमप्रकाश राजभर ने आज इस बाबत पत्र भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेज दिया है। उन्होंने पिछड़ा वर्ग आयोग के विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिये 28 लोगों की सूची प्रस्तावित की थी। उन्हें जानकारी मिली है कि उनमें से 27 लोगों की उपेक्षा कर दी गयी।
आयोग के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पदों पर मनमाने ढंग से नियुक्ति कर दी गयी। ऐसे में मंत्री बने रहने का क्या औचित्य है। उन्होंने कहा वह पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का जिम्मा अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को वापस कर रहे हैं। अब उनके पास दिव्यांग कल्याण महकमे की जिम्मेदारी ही रहेगी।
उत्तर प्रदेश के साथ ही केंद्र में भाजपा की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष राजभर ने कहा कि सरकार ने सामाजिक न्याय समिति की पिछली मई में दी गयी सिफारिशों को अब तक लागू नहीं किया है और ना ही लागू करने की उसकी कोई मंशा नजर आती है। उन्होंने कहा कि समिति ने पिछड़े वर्गों को पिछड़ा, अति पिछड़ा और सर्वाधिक पिछड़ा की श्रेणियों में बांटने की सिफारिश की थी। प्रदेश में पिछड़े वर्ग की आबादी 44 प्रतिशत है। ओमप्रकाश राजभर ने इससे पहले ही भाजपा को पहले ही अल्टीमेटम दिया है कि अगर वह पिछड़ों के आरक्षण में कोटे की व्यवस्था नहीं करेगी तो 24 फरवरी को उनकी पार्टी भाजपा का साथ छोड़ देगी।