लखनऊ में कभी नहीं जाएगी बिजली, कानपुर-बनारस-मेरठ और मथुरा में भी नो ट्रिपिंग जोन

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RGA News लखनऊ संवाददाता 

प्रदेश में लखनऊ ऐसा जिला होगा, जहां एक मिनट के लिए भी बिजली नहीं जाएगी। यहां चौबीस घंटे बिजली देने के साथ ही दस लाख उपभोक्ताओं को एक छत के नीचे बिजली से जुड़ी सुविधाएं विद्युत उपभोक्ता सेवा केंद्र में मिलेंगी। ...

लखनऊ :- प्रदेश में लखनऊ ऐसा जिला होगा, जहां एक मिनट के लिए भी बिजली नहीं जाएगी। यहां चौबीस घंटे बिजली देने के साथ ही दस लाख उपभोक्ताओं को एक छत के नीचे बिजली से जुड़ी सुविधाएं विद्युत उपभोक्ता सेवा केंद्र में मिलेंगी। साथ ही शहर में बनाए जा रहे तीन नए उपकेंद्र और हरदोई तथा मार्टिनपुरवा ट्रांसमिशन लाइन की क्षमता में वृद्धि से पांच लाख से अधिक आबादी को लाभ मिलेगा। राजधानी को नो ट्रिपिंग जोन और नए उपकेंद्र बनाने तथा ट्रांसमिशन लाइन की क्षमता बढ़ाने पर कुल 177 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। साथ ही अगले तीन दशक तक बिजली से जुड़ी कोई समस्या न आए, इसके लिए 1317 करोड़ से बिजली व्यवस्था सुदृढ़ किए जाने का दावा किया गया है। 

ज्योतिबा फुले मल्टीलेवल पार्किंग में बिजली विभाग की कई योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास गुरुवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह व ऊर्जा मंत्री पंडित श्रीकांत शर्मा ने किया। ऊर्जा मंत्री पंडित श्रीकांत शर्मा ने कहा कि प्रदेश में सिर्फ चार जिलों की बिजली व्यवस्था बेहतर थी, बाकी इसी तरह चल रहे थे। वर्ष 2017 की गर्मियों में जो समस्या थी, वह वर्ष 2018 में नहीं हुई और जो वर्ष 2018 में कमियां थीं, उन्हें वर्ष 2019 की गर्मी से पहले दुरुस्त कर लिया जाएगा। प्रदेश के कई जिलों को नो ट्रिपिंग जोन बनाने का बीड़ा उठाया गया है, लखनऊ उनमें सबसे पहले है क्योंकि यह प्रदेश की राजधानी जो है। इसी क्रम में कानपुर, बनारस, मेरठ, मथुरा में भी बड़ा सुधार कार्यक्रम चल रहा है। 

नेता-अफसर के पास जाने की जरूरत नहीं

प्रयास हो रहे हैं कि बिजली के लिए किसी अभियंता, नेता व प्रशासनिक अधिकारी के पास जाना न पड़े। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 1912 पर उपभोक्ता फोन करें। जरूरत पडऩे पर विद्युत उपभोक्ता सेवा केंद्र से कर्मी को उपभोक्ता के पास भेजकर संबंधित दस्तावेज मंगाकर समस्याओं का समाधान और कनेक्शन दिया जाएगा। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि वर्ष 1912 में अभी तक साठ कर्मचारियों का स्टाफ था, लेकिन इसे अब नब्बे कर दिया गया है। इस प्रोजेक्ट पर 6.20 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। 

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