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किसान क्रांति सेना अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुलवामा के शहीदों का पाकिस्तान से बदला नहीं ले पाएंगे। यूपी की कानून व्यवस्था खराब है।...
लखनऊ :- गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन से सुर्खियों में आए हार्दिक पटेल अब यूपी में राजनीतिक जमीन तलाश रहे हैं। वह इन दिनों यूपी के दौरे पर हैं। अपने संगठन राष्ट्रीय किसान क्रांति सेना के लिए संभावनाएं तलाशने बुधवार को वह लखनऊ आए। इससे पहले वह सुलतानपुर, प्रतापगढ़ और सोनभद्र के किसानों के बीच थे। सुलतानपुर में हार्दिक का निशाना केंद्र की मोदी सरकार रही जबकि प्रतापगढ़ पहुंचते पहुंचते स्पष्ट कर दिया कि वह किसी पार्टी को सपोर्ट नहीं करेंगे। वह सिर्फ किसान हित की बात करेंगे।
पुलवामा पर बोले हार्दिक
होटल में बैठकर समस्या पर चर्चा नहीं हो सकती है। गांव में जाने से वास्तविकता पता चलती है। सुल्तानपुर से 40 किमी आगे किसान चक्का जाम कर रहे थे। उनका कहना था कि हमारा गन्ना नहीं लिया जा रहा है। हम वहां रुके और पुलिस और एसडीएम भी पहुंची। किसानों की समस्या बताई। इसके बाद 20 मिनट में डीएम ने गन्ना तुलाई का आदेश दिया। पुलवामा के नाम पर टीवी पर लोग लड़ रहे हैं। ऐसी राजनीति क्यों ? सरकार सीआरपीएफ के जवानों को शहीद का दर्जा नहीं दे रही है। खुफिया तंत्रों ने उस रास्ते से जवानों को जाने से रोका था, जहां हादसा हुआ। लेकिन उसको अनसुना किया गया और जवान शहीद हो गए।
मुस्लिम दोस्त के साथ सेल्फी लेना मुसीबत
आज आप मुस्लिम दोस्त के साथ सेल्फी नहीं ले सकते हैं। अगर सेल्फी लेकर पोस्ट कर दिया तो केवल गाली दी जाती है। गोरों से आजाद हुए तो आज हम चोरों में फंस गए हैं। हिंदू को हिंदू से खतरा है, लेकिन मुसलमान से खतरा नहीं है। आज एक भी बैनर ऐसा नहीं देखा जहां भगवान राम सबरी के घर बेर खा रहे हों।
राम मंदिर के लिए गोली और लाठी ओबीसी के हिस्से में
50 फीसद से ज्यादा रिजेर्वेशन पर रोक किसने लगाई है। जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी होनी चाहिए। कट्टरता का जुनून भर दिया है। लेकिन जब राम मंदिर की बात आती है, उसमें मरने वाला केवल ओबीसी और पिछड़ा होता है। सत्ता उसको नहीं मिलती है। राम मंदिर के लिए गोली और लाठी हम लोगों को खानी है।
पूरे देश को एकजुट होना पड़ेगा
सुलतानपुर में हार्दिक पटेल ने पत्रकारों से कहा कि सिर्फ भारत माता की जय बोलने से देशभक्ति लागू नहीं होती। संविधान के विपरीत काम करने वालों के खिलाफ पूरे देश को एकजुट होना पड़ेगा। आर्मी को और मजबूत बनाने की जरूरत है। पुलवामा में शहीद हुए जवानों के परिवारजन को भाजपा का कोई भी विधायक अपनी एक माह की तनख्वाह तक देने की हिम्मत नहीं जुटा सका। मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि सिर्फ 300 किलो चीनी न देने से पाकिस्तान कमजोर नहीं होगा। उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जरूरत है, मगर ऐसा लगता है कि पीएम मोदी पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब नहीं दे पाएंगे।
खूफिया एजेंसियों की ओर से आतंकी हमले की आशंका जताने के बाद भी सीआरपीएफ के काफिले को सड़क के रास्ते कश्मीर भेजने के फैसले पर भी उन्होंने सवाल उठाया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए हार्दिक ने कहा कि एक लड़की की जासूसी करने समेत कई केस उन पर दर्ज हैं। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था बेहद खराब है। महिलाएं असुरक्षित हैं। सरकारी विभागों में चार लाख 56 हजार पद खाली हैं। राजनीतिक पार्टी के गठन के सवाल पर कहा कि यूपी में 80 फीसद से अधिक लोग किसान हैं। उनकी समस्याओं को समझने व अधिकारों के प्रति उन्हें जागरूक करने के बाद मजबूती के साथ सक्रिय राजनीति में आने की मंशा जाहिर की। प्रेस कांफ्रेंस के बाद वह कादीपुर में सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण के लिए रवाना हुए।
चुनाव में किसी पार्टी को सपोर्ट नहीं
वहां से प्रतापगढ़ की पट्टी तहसील में आयोजित किसान रैली में पहुंचकर हार्दिक पटेल ने सामंतवादी ताकतों के खिलाफ बिगुल फूंका और किसानों से कहा कि गुलामी की जंजीरों से मुक्त हो जाइए और अच्छे लोगों को चुनकर संसद भेजिए। उन्होंने मीडिया से कहा कि चुनाव में वह किसी पार्टी को सपोर्ट नहीं करेंगे। वह सिर्फ किसान हित की बात करेंगे।
स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने की मांग
इससे पहले सोनभद्र में उन्होंने किसान महापंचायत में किसानों की दशा पर चिंता जताई। अपने संबोधन में केंद्र व राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों को अपनी स्थिति सुधारने के लिए जागरूक होने की जरूरत है। 2006 के स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करके किसानों को समृद्ध बनाने की मांग की। अगर सौ किसान भी एकजुट होकर काम करें तो निश्चित रूप से किसानों की दशा में बदलाव आ सकता है। अपना हक पाने के लिए जागरूक होना होगा। समृद्धि के लिएसिंचाई की व्यवस्था और फसलों का वाजिब मूल्य मांगना होगा। हार्दिक ने कहा कि जो वादे 2014 के लोकसभा चुनाव में किए गए, वही वादे 2017 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने किए लेकिन अब तक पूरे नहीं हुए।