
राष्ट्रीय ग्रामीण आवाज ब्यूरो चीफ
सपा-बसपा के बीच सीटों का बंटवारा होते ही दावेदारों के बीच टिकट की जंग तेज हो गई है। बरेली सीट पर सपा और आंवला सीट पर बसपा के टिकट के लिए तमाम दिग्गज कतार में खड़े हो गए हैं। इसी बीच भाजपा व कांग्रेस ने अपनी नजरें असंतुष्टों पर गढ़ा दी हैं। दोनों पार्टियां टिकन न मिलने से नाराज नेताओं को अपने पाले में करने की कोशिश करेंगी।
बरेली लोकसभा सीट
बरेली लोकसभा सीट सपा के खाते में हैं। यहां से डॉ. आईएस तोमर के चुनाव लड़ने की चर्चा है। यहां से केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार सात बार के सांसद रहे हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में उन्हें 5,18,258 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर राजनीतिक परिवार की बहू आयशा इस्लाम 2,77,573 वोट लेकर रहीं थीं। भाजपा के मेयर उमेश गौतम ने पिछला चुनाव बसपा के टिकट पर लड़ा था। उन्हें 106049 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस के प्रवीन सिंह ऐरन को 84,213 वोट ही मिले थे।
बदायूं लोकसभा सीट
यहां से सपा के सांसद धमेंर्द यादव ही प्रत्याशी होंगे। सपा बदायूं से अब सातवीं बार लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही है। इस लोकसभा से चार बार सलीम इकबाल शेरवानी तथा दो बार लगातार धर्मेंद्र यादव सांसद हैं। शेरवानी पहली बार बदायूं सपा से 1996 में तथा दूसरी बार 1998 में, तीसरी बार 1999 में, चौथी बार 2004 में सपा से सांसद बने। इसके बाद धर्मेंद्र यादव सांसद बने, 2014 में दोहराए। अब तीसरी बार मैदान में आ रहे हैं।
आंवला लोकसभा सीट
यहां से बसपा अपना प्रत्याशी उतारेगी। अभी तक आंवला लोकसभा से सिनोद शाक्य टिकट के दावेदार हैं। पिछले चुनाव में यहां भाजपा सांसद धर्मेंद्र कश्यप को 4,09,907 वोट मिले थे। वहीं सपा प्रत्याशी सर्वराज सिंह को 2,71,478, बसपा की सुनीता शाक्य को 1,90,200और कांग्रेस के सलीम शेरवानी को 93861 वोट मिले थे। बसपा आंवला सीट से तीसरी बार लड़ेगी। हालांकि अभी यहां अपने प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है।
शाहजहांपुर लोकसभा सीट यहां सपा-बसपा गठबंधन में लोकसभा का प्रत्याशी बसपा का होगा। बसपा के टिकट पर पूर्व शिक्षक अमर चंद्र जौहर प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे थे। इसी फॉर्मूले के आधार पर सपा और बसपा के गठबंधन में सीट बसपा को मिली है। 2009 में बसपा के टिकट पर फरीदपुर के विधायक रहे विजय पाल सिंह की पत्नी सुनीता सिंह ने लोकसभा चुनाव जीता था।
पीलीभीत लोकसभा सीट
पीलीभीत लोकसभा सीट सपा के खाते में आई है। इससे सपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में जहां खुशी है, वही बसपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता गठबंधन धर्म को निभाने की बात कह रहे हैं। एक दूसरे के धुर विरोधी रही समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी अब भाजपा विरोध में एकजुट हो गई हैं। पार्टियों का गठबंधन होने के बाद से ही दोनों पार्टियों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता जिले की एक मात्र लोकसभा सीट किस पार्टी के खाते में जाएगी, इसको लेकर आशंकित थे।
खीरी लोकसभा सीट
सपा-बसपा गठबंधन में सीटों का बंटवारा हो गया है। खीरी जिले की सीट सपा के खाते में गई है। सीटों के ऐलान के बाद अब नजर प्रत्याशियों के चयन पर है। 2014 में यहां भाजपा का कब्जा हुआ था।2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर गुरुवार को सियासत गर्म हो गई। सपा और बसपा के बीच सीटों को लेकर सहमति बन गई है। खीरी लोकसभा की सीट सपा के खाते में गई है। वर्ष 2014 के चुनाव में सपा यहां चौथे नंबर पर सिमट गई थी।
धौरहरा लोकसभा सीट
धौरहरा लोकसभा चुनाव में बसपा उतरेगी। पिछले चुनाव में बसपा यहां नंबर दो की स्थिति में थी। सीट तय होने के बाद अचानक से माहौल गर्म हो गया है। सपा और बसपा गठबंधन के नेताओं ने तैयारियां तेज कर दी हैं। पिछले दिनों बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के जन्मदिन पर सपाई भी नजर आए थे। इससे पहले उपचुनाव में जीत पर भी दोनों दलों के नेता साथ थे। गठबंधन का सीधा मुकाबला भाजपा और कांग्रेस से होगा।