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देवबंद से गिरफ्तार जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी शाहनवाज तेली व आकिब अहमद को एटीएस ने विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एटीएस हिमांशु दयाल श्रीवास्तव के समक्ष प्रस्तुत किया। ...
लखनऊ:- देवबंद से गिरफ्तार जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी शाहनवाज तेली व आकिब अहमद मलिक को एटीएस ने शनिवार रात बड़ी मशक्कत के बाद विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एटीएस हिमांशु दयाल श्रीवास्तव के समक्ष प्रस्तुत किया। कोर्ट ने दोनों आरोपितों की 14 दिनों की न्यायिक अभिरक्षा स्वीकृत करने के साथ ही तत्काल प्रभाव से उनकी 10 दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर कर दी। एटीएस इसके बाद दोनों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर अपने साथ चली गई। माना जा रहा है कि एटीएस शाहनवाज व आकिब को रविवार को ही जम्मू-कश्मीर लेकर जायेगी।
एटीएस देवबंद में पकड़े गये दोनों आतंकियों को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर लखनऊ आई थी। बताया गया कि एटीएस ने दोनों की 10 दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड दिये जाने की अर्जी दी थी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर दिया। बताया गया कि दोनों को एटीएस मुख्यालय ले जाया गया। जहां दोनों से सिलसिलेवार पूछताछ से लेकर असलहे-विस्फोटक व अन्य बरामदगी के लिए योजना बनाई जा रही है। पूछताछ के दौरान अब कई बड़े राज सामने आयेंगे।
पेशी को लेकर खूब हंगामा हुआ
भारी हंगामे के बीच आतंकियों को पेश करने में नाकाम एटीएस ने देर शाम में दोनों को पेश करने की योजना बनाई जो रात होते होते सफल हो गई। हालांकि, बहुखंडी बिल्डिंग के बाहर मीडियाकर्मियों के साथ वकील भी थे। दो गाडिय़ों में दोनों आतंकियों को लेकर एटीएस कचहरी परिसर में दाखिल हुई। इससे पहले की एटीएस के अधिकारी गाड़ी से उतरते वकीलों ने दोनों वाहन घेर लिए और नारेबाजी करने लगे। वंदे मातरम के नारों से कचहरी परिसर गूंज ता रहा और भीड़ हंगामा करती रही।
अधिवक्ता आतंकवादियों को उनके हवाले करने या फिर फांसी देने की मांग कर रहे थे। इसी बीच कुछ अधिवक्ता एटीएस की गाड़ी पर चढ़कर बोनट पीटने लगे। आतंकियों पर हमले की आशंका के मद्देनजर एटीएस टीम गाड़ी पीछे कर आतंकियों को वहां से लेकर वापस लौट गई। एटीएस और राजधानी पुलिस को सुबह से ही इस बात की भनक थी लेकिन जब आतंकियों को कोर्ट में पेश करने टीम लेकर पहुंची तो वहां एक भी सुरक्षाकर्मी नहीं था।
हंगामे की सूचना एटीएस के आलाधिकारियों और लखनऊ पुलिस को मिलते ही बड़ी संख्या में वहां पुलिस बल पहुंच गई। सीओ चौक, सीओ कैसरबाग के अलावा पीएसी भी बुला ली गई। इस बीच एटीएस के कई अधिकारी भी वहां पहुंच गए। कोर्ट के सामने रिमांड के लिए कागजात तो प्रस्तुत हुए तो 14 दिनों की न्यायिक अभिरक्षा स्वीकृत करने के साथ ही तत्काल प्रभाव से उनकी 10 दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर कर दी।