अब शहरवासियों को बीमार नहीं करेगा नगर निगम का पानी

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अवस्थापना निधि और 14वें वित्त आयोग की राशि से स्वीकृति मिलते ही शहर की पेयजल व्यवस्था सुधरने लगी है। लोग अब नगर निगम के पानी से बीमार नहीं होंगे।...

मेरठ :- अवस्थापना निधि और 14वें वित्त आयोग की राशि से स्वीकृति मिलते ही शहर की पेयजल व्यवस्था अब सुधरने लगी है। पानी की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए जहां सभी 157 नलकूपों पर ऑटोमेटिक लिक्विड क्लोरीनेटर स्थापित किए जा रहे हैं,वहीं 25 नलकूपों पर स्टेपलाइजर स्थापित होने के बाद मोटर को बिजली वोल्टेज के झटके लगने बंद हो गए हैं। हाल ही में 75 अन्य नलकूपों पर स्टेबलाइजर लगाने की स्वीकृति भी मिल गई है। शहर के 13 नलकूपों के रीबोर व दो नए नलकूपों के निर्माण का कार्य भी प्रगति पर है। 
60 केवीए के स्‍टेबलाइजर 
कमिश्नर अनीता सी मेश्राम की अध्यक्षता में हाल ही में संपन्न हुई नगर निगम की अवस्थापना निधि और 14वें वित्त आयोग की दो बैठकों में मिली स्वीकृति के बाद शहर की पेयजल व्यवस्था में सुधार नजर आने लगा है। पहली बैठक में 25 नलकूपों पर बिजली वोल्टेज के झटकों से मोटर को बचाने के लिए स्टेबलाइजर लगाने की अनुमति दी गई थी। 60 केवीए का प्रत्येक स्टेबलाइजर 4.80 लाख रुपये का है। इन सभी को स्थापित किया जा चुका है। जिससे नलकूपों के संचालन में होने वाली बाधा समाप्त हो गई है। 
11 नलकूप ट्रायल के लिए चयनित 
दो दिन पूर्व हुई दूसरी बैठक में भी 75 नलकूपों पर स्टेबलाइजर लगाने की अनुमति कमिश्नर द्वारा दी गई है। शहर की 20 लाख से अधिक जनता को शुद्ध पेयजल (क्लोरीन युक्त पानी) उपलब्ध कराने के लिए 11 नलकूपों पर ट्रायल के रूप में ऑटोमेटिक लिक्विड क्लोरीनेटर लगाए गए थे। बाकि 146 नलकूपों पर भी क्लोरीनेटर लगाने और उनके लिए पूरे वर्ष क्लोरीन की आपूर्ति की स्वीकृति पहली बैठक में मिली थी। जल निगम अफसरों का दावा है कि उक्त कार्य पूरा किया जा चुका है। अब पूरे शहर को क्लोरीन युक्त शुद्ध पानी दिया जा रहा है। इसी बैठक में स्वीकृत 13 नलकूपों के रीबोर व दो नए नलकूपों के निर्माण का कार्य भी टेंडर प्रक्रिया पूरी कर शुरू करा दिया गया है। 
इनका कहना है 
हाल ही में अवस्थापना निधि और 14वें वित्त आयोग की दो बैठकें हुईं। इनमें पेयजल व्यवस्था से जुड़े तमाम कार्यो को स्वीकृति मिली थी। इन सभी कार्यो की टेंडर प्रक्रिया पूरी करके काम शुरू करा दिए गए हैं। काफी काम पूरे भी किए जा चुके हैं। शहर की पेयजल व्यवस्था में जल्द खासा सुधार दिखाई देगा। 
-अमित सहरावत, एक्सईएन जल निगम यांत्रिक शाखा

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