हरिद्वार संवाददाता
मां चंडी देवी की आराधना से व्यक्ति के जन्म जन्मांतर के पापों का विनाश हो...
संवाद सूत्र, हरिद्वार : मां चंडी देवी की आराधना से व्यक्ति के जन्म जन्मांतर के पापों का विनाश हो जाता है और चैत्र मास के पावन पर्व चंडी चौदस पर जो व्यक्ति विधानपूर्वक मां के स्वरूप की पूजा करता है। उसके जीवन की समस्त कष्टों का निवारण हो जाता है।
नीलधारा पर्वत स्थित सिद्धस्थल मां चंडी देवी मंदिर के परमाध्यक्ष महंत रोहित गिरि ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि घर में सुख समृद्धि लक्ष्मी के वास और शनि के प्रकोप से बचने के लिए आज की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। मां चंडी देवी समस्त जग की पालनहार है। जो भक्तों की सूक्ष्म आराधना से ही प्रसन्न होकर उन्हें मनवांछित फल प्रदान करती है और जो भक्त संपूर्ण नवरात्र से चंडी चौदस तक देवी मां की आराधना करते हैं। उनकी सभी मनोकामनाएं मां चंडी मैया पूर्ण करती हैं। दक्षिण काली मंदिर के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने कहा कि चंडीचौदस के दिन भगवती की विधि विधान के साथ की गई पूजा अर्चना कभी व्यर्थ नहीं जाती है और भक्तों के कल्याण के लिए कल्याणी साबित होती है। उन्होंने कहा कि मां चंडी चौदस के दिन जो भी श्रद्धालु भक्त मां दक्षिण काली पीठ पर अपने मन में जो मुराद लेकर आते हैं उनकी काली मां सभी मुरादों को पूरा करती हैं.