यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव ने कहा,15 शहीदों के नाम होंगी उनके घर की सड़क

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RGA News लखनऊ 

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में 2262 करोड़ की लागत से बनने वाली 18486 किमी की सड़कों का डिजिटल तरीके से शिलान्यास किया। इस मौके पर लोकनिर्माण मंत्री श्री मौर्य ने कहा कि आतंकवादी हमलों एवं सैन्य गतिविधियों में शहीद हुए प्रदेश के सभी 15 सेना व सीआरपीएफ के जवानों के घर तक जाने वाली सड़कों का नवनिर्माण करने व सुधारने का भी काम कर सड़क का नाम शहीद के नाम पर रखा जाएगा। उन सड़कों पर शहीद के नाम पर द्वार भी बनाए जाएंगे। 

केशव प्रसाद मौर्य शुक्रवार को लोकनिर्माण द्वारा लखनऊ में विश्वेश्वरैया सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि लोकनिर्माण विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मियों ने अपना एक दिन का वेतन दिया है। यह करीब चार करोड़ 95 लाख तक है। इसे शहीद परिवारों को सहयोग के लिए दिया जाएगा। 

उपमुख्यमंत्री ने शिलान्यास किए जाने वाले मार्गों के बारे में बताया कि सामान्य मरम्मत के तहत 1049 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 9525 किमी लम्बे 6508 मार्ग हैं। विशेष मरम्मत के तहत 1213 करोड़ की लागत से बनने वाली 8961 किलोमीटर लम्बे 5419 सड़कें हैं। उन्होंने बताया कि मौजूदा सरकार ने 4600 से अधिक गांवों को मुख्य मार्ग से जोड़ने की स्वीकृति दे दी है।

अब तक 5423 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण हो चुका है। 250 से अधिक आबादी के सभी राजस्व गांवों के संपर्क मार्गों की स्वीकृतियां जारी कर दी गई हैं। काम भी शुरू हो चुका है। सात मीटर या उससे अधिक चौड़ी सभी प्रकार के मार्गों पर पड़ने वाले गांवों को मुख्य मार्ग से जोड़ने का भी काम प्रगति पर है। इस प्रकार के चिन्हित 1915 बसावटों  के  लिए 1198 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। 1046 किलोमीटर लंबी 510 अनजुड़ी बसावटों पर सड़क बनाने के लिए 617 करोड़ रुपये की भी स्वीकृति जारी की जा चुकी है।

श्री मौर्य ने बताया कि लोक निर्माण विभाग पर्यावरण सुरक्षा के लिए बड़ा काम कर रहा है। विभाग ने नवीन तकनीक से सड़कें बना कर 942 करोड़ रुपये की बचत की है। यह बचत ग्रामीण इलाकों की सड़कों को बनाने में इस्तेमाल की जाएगी। विभाग ने नवीन तकनीक से सड़के बनाकर 30.42 घनमीटर पत्थर की बचत कर 12 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी लाई गई है।  इतनी  कार्बन उत्सर्जन में कमी तीन करोड़ 12 लाख पेड़ लगाने के बाद लाई जा सकती है। 

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