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RGA News रुद्रप्रयाग बद्री नौटियाल
भगवान केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के इतिहास में करीब 19 सालों में यह दूसरा मौका है, जब बाबा केदार के कपाट ब्रह्म मुहूर्त में खुल रहे हों। वर्ष 2000 से कार्यरत वर्तमान रावल भीमा शंकर लिंग के कार्यकाल में उन्हें यह दूसरा अवसर मिल रहा है, जब वे प्रशासन की मौजूदगी में सुबह 5:35 पर बाबा केदार के कपाट खालेंगे। इस बार केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि भले ही 9 मई घोषित हुई हो, किंतु समय ब्रह्म मुहूर्त निकला है। मेष लग्न में सुबह 5:35 मिनट पर पाट खुलने को अमृतकाल भी कहा जा रहा है। केदारनाथ में ऐसा कम ही बार देखा गया है जब कपाट खुलने का समय तड़के हो। बदरी-केदार मंदिर समिति के मुताबिक वर्ष 2000 के बाद महज एक बार ही ऐसा मौका आया था जब केदारनाथ धाम के कपाट खुबह 4:35 पर खोले गए। इसके बाद यह दूसरा मौका है।
बीकेटीसी के अनुसार केदारनाथ के कपाट खुलने का यदि पूर्व का रिकार्ड देखा जाए तो वर्ष 2006-2007 में ही ऐसा मौका आया था, जब बाबा केदार के कपाट तड़के खोले गए। करीब 19 सालों में यह दूसरी बार देखा जा रहा है जब भगवान केदारनाथ के कपाट सुबह 5:35 पर खोले जाएंगे। अक्सर केदारनाथ के कपाट खुलने का समय सुबह 6, साढ़े 6, साढ़े 7, 8 और साढ़े 8 बजे का ही रहा है। इधर मान्यतानुसार अंखड ज्योति के दर्शन का पुण्य लेने के लिए हर साल बड़ी संख्या में तीर्थयात्री और स्थानीय लोग केदारनाथ धाम पहुंचते हैं, वहीं 19 सालों के भीतर दोबारा आए इस अमृतकाल (अति शुभ मुहूर्त) में दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्तों के केदारनाथ पहुंचने की उम्मीद है। बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने बताया कि काफी समय बाद ऐसा मुहूर्त आया है। इसे काफी शुभ बताया जा रहा है।
मेरे कार्यकाल में यह दूसरा मौका है जब बाबा केदार के कपाट ब्रह्म मुहूर्त में खोले जा रहे हैं। मुझे करीब 2006-07 में केदारनाथ में तड़के कपाट खोलने का अवसर मिला था।
भीमा शंकर लिंग, केदारनाथ रावल
कपाटोत्सव में हो सकती हैं ये परेशानियां
- मौसम का रुख भी इस साल कर रहा परेशान
- 9 मई तक केदारनाथ धाम तक पहुंचने का रास्ता खोलना
- पहले दिन जो भी यात्री अखंड ज्योति के दर्शन करेगा, उसे 8 को ही पहुंचना होगा केदारनाथ
- मंदिर में दर्शनों के लिए लाइन में खड़े तीर्थयात्रियों को ठंड से बचाने की व्यवस्था
- दो महीने में प्रशासन के सामने रहेगी 14 से 15 फीट बर्फ हटाने की चुनौती
- यात्रियों को खाने, रहने की बेहतर व्यवस्थाएं करना
- अधिकांश बार देखी जाती हैं कपाटोत्सव में अव्यवस्थाएं
- बीकेटीसी और प्रशासन को करनी होगी अभी से तैयारी शुरू