बरेली न्यूज
योगी सरकार ने प्रदेश से शराब सिंडिकेट को समाप्त करने के लिए इस बार ई-लॉटरी से शराब की दुकानों का आवंटन किया है. तमाम नए लोगों को शराब की दुकानें आवंटित की गई है, लेकिन नए लाइसेंस धारकों के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि तमाम लाइसेंस धारकों को शराब की दुकान खोलने के लिए जगह नही मिल पाई है.
एक अप्रैल से उन्हें दुकान खोलनी है. दुकानें न मिल पाने के कारण नए लाइसेंस धारकों को लाइसेंस मिलने की खुशी काफूर हो गई है. वो आबकारी विभाग के चक्कर काट रहे हैं.
एक अप्रैल से शुरू करना है काम
शराब की दुकानों के आवंटन कर बाद अब लाइसेंस धारकों को एक अप्रैल से बिक्री शुरू करनी है, लेकिन बहुत से लाइसेंसधारकों के पास अभी तक दुकान का जुगाड़ नहीं हो पाया है. लाइसेंस धारकों ने सोचा था कि जो दुकान पहले चल रही थी.
वहीं दुकान उन्हें भी मिल जाएगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं या तो दुकान के मालिक दुकान देने को तैयार नहीं है या फिर दुकान का किराया भी बढ़ा दिया गया है.
जिसके कारण नए लाइसेंस धारकों की मुश्किलें बढ़ गई है और क्योंकि उन्हें एक अप्रैल से शराब की बिक्री शुरू करनी है, लेकिन उनको अभी तक दुकान ही नहीं मिल पाई है.
नई दुकान खोजना मुश्किल
जिस एरिया के लिए लाइसेंस धारक ने दुकान का लाइसेंस लिया है. अगर उस एरिया में पहले से चल रही शराब की दुकान नए लाइसेंस धारक को नहीं मिली तो दूसरी दुकान खोजना उसके लिए बहुत परेशानी का काम होगा, क्योंकि नई जगह पर शराब की दुकान खोलने के लिए दुकानदार को कई बातों का ध्यान रखना होगा.
सभी नियम और शर्तें पूरी होने के बाद ही आबकारी विभाग दुकान की परमीशन देगा. नई जगह पर दुकान खोलने का स्थानीय लोग भी विरोध करते हैं. ऐसे में नए लाइसेंस धारकों के सामने सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि वो शराब की बिक्री कहां करेंगे.
पुरानी दुकानें नही हो रही खाली
किराए पर चल रही पुरानी शराब की दुकानों को ठेकेदार खाली करने को तैयार नहीं है. सूत्रों की माने तो नए ठेकेदारों को अगर दुकान नहीं मिलती है तो वो मजबूरी में पुराने ठेकेदार से ही हाथ मिलाएंगे, क्योंकि नई दुकान खोलना बहुत कठिन कार्य उसके लिए ऐसी दुकान खोजनी होगी. जो आबकारी विभाग के मानक पर खरी उतरे.
क्या है नियम
शराब की दुकान को खोलने के लिए कई नियम और शर्तें पूरी करनी होती है. सभी शर्तें पूरी होने के बाद ही आबकारी विभाग शराब की दुकान खोलने की इजाजत देता है. जिसमें स्कूल और धार्मिक स्थल के पास न हो दुकान हाइवे पर नही खुल सकती शराब की दुकान, ग्रामीण इलाकों में गांव वालों संस्तुति पर ही शराब की दुकान खुल सकती है.