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टोकन लेने के बाद 70 मिनट तक मस्ती करते रहे यात्री। ...
लखनऊ:- वाह क्या मेट्रो ने स्टेशन बनाया है, अरे यार मजा आ गया। चमचमाती ग्रेनाइट की फर्श, बेहतरीन लाइटिंग, साफ सफाई और मेट्रो की आधुनिक डिजाइन भा गई। यहां से बाहर निकलने का मन नहीं कर रहा है। रुक जाओ, पंद्रह से बीस मिनट में स्टेशन के बाहर चलते हैं। थोड़ा और घूम लिया जाए। यह संवाद नौ मार्च को घूमने आए मित्रों के बीच था।
हर यात्री एयरपोर्ट से मुंशी पुलिया के बीच सफर करना चाहता था, हड़बड़ी इतनी थी कि कोई टोकन के लिए लाइन में लगा था तो कोई कियॉस्क से ही टिकट लेने के लिए कर्मियों से मदद ले रहा था। जब यात्रियों से बात की गई तो पहली नजर में एयरपोर्ट, हुसैनगंज, सचिवालय और हजरतगंज सबसे ज्यादा भाए। स्टेशन से 18 मीटर ऊपर मेट्रो का संचालन लखनऊ में किसी ने सोचा नहीं था।
नरही निवासी व पूर्व पार्षद प्रदीप कनौजिया कहते हैं, यहां से सुबह शाम निकलते समय एक ही विचार आता था, आखिर अंडर ग्राउंड स्टेशन कैसा होगा। आज परिवार के साथ सफर करने आया हूं, बिल्कुल अचंभित हूं, मेट्रो टीम ने उम्मीद से बेहतर काम किया है। दिल्ली से अपने बच्चों से मिलने आए कर्नल नेहरा को लखनऊ मेट्रो पहले सफर में भा गई। उनके मुताबिक दिल्ली की तर्ज पर लखनऊ मेट्रो का यह कदम सराहनीय है। वहीं राजू भी अपनी पत्नी व बच्चों के साथ मेट्रो में सफर करने के लिए हजरतगंज से चारबाग के बीच सफर किया।
मेट्रो की पूरी टीम स्टेशन पर तैनात
लखनऊ मेट्रो ने अपनी पूरी टीम स्टेशनों पर तैनात कर दी है। एलएमआरसी के एमडी कुमार केशव स्वयं स्टेशनों का मोर्चा संभाले थे। निदेशक सिविल संजय मिश्रा व सीपीएम अरविंद सिंह हजरतगंज, सचिवालय सहित कई स्टेशनों पर सुबह से लगे थे, इसी तरह मुंशी पुलिया पर कंपनी सेक्रेटरी पुष्पा बिलानी यात्रियों की मदद करती रहीं