पत्रकार हत्याकांड : राजदेव रंजन की पत्नी की गवाही टली, 28 मार्च को अगली तारीख

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RGA News बिहार मुजफ्फरपुर

पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड की सूचक है उनकी पत्नी आशा रंजन। वे पहली गवाह जो गवाही देने कोर्ट पहुंची थी। अवकाश पर थे विशेष सेशन कोर्ट के पीठासीन पदाधिकारी।..

मुजफ्फरपुर :- सिवान के पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में सोमवार को उनकी पत्नी आशा रंजन की सेशन कोर्ट में गवाही नहीं हो सकी। विशेष सेशन कोर्ट के पीठासीन पदाधिकारी (न्यायाधीश) के अवकाश में रहने के कारण उनकी गवाही दर्ज नहीं हो सकी। वे इस कांड की सूचक भी हैं। इस केस में वह पहली गवाह हैं जो कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पहुंची थी। उनकी गवाही के लिए कोर्ट ने अगली तारीख 28 मार्च मुकर्रर की है। मामले की जांच कर रही सीबीआइ ने चार्जशीट में आरोपितों के खिलाफ 96 गवाहों के बयान व साक्ष्यों से संबंधित 158 दस्तावेजों को विशेष कोर्ट में दाखिल किया है।

इन आरोपितों के विरुद्ध शुरू हुआ सेशन-ट्रायल

पूर्व सांसद शहाबुद्दीन व अजहरूद्दीन बेग उर्फ लड्डन मियां एवं मुजफ्फरपुर जेल में बंद विजय कुमार गुप्ता, रोहित कुमार सोनी, राजेश कुमार, रीशु कुमार जायसवाल, सोनू कुमार गुप्ता व सोनू कुमार सोनी के विरुद्ध एमपीएमएलए के लिए गठित विशेष कोर्ट (एडीजे-11) में सेशन ट्रायल शुरू हुआ।

पूर्व सांसद शहाबुद्दीन तिहाड़ जेल व लड्डन मियां भागलपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। दोनों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई। जबकि अन्य छह आरोपित मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। इसको वहां से कोर्ट में लाकर पेश किया गया।

सभी आरोपितों के विरुद्ध तय किए गए थे आरोप

सेशन ट्रायल चलाने से पहले विशेष कोर्ट ने पूर्व सांसद शहाबुद्दीन व अजहरूद्दीन बेग उर्फ लड्डन मियां सहित आठ आरोपितों के विरुद्ध आरोप तय कर दिया था। इससे पहले सभी पर लगे आरोपों को कोर्ट ने पढ़कर सुनाया, लेकिन सभी ने इससे इन्कार कर दिया और सेशन-ट्रायल का सामना करने की इच्छा जताई थी।

यह है मामला

13 मई 2016 की शाम सिवान में पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस के बाद इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी गई थी। पूर्व सांसद सहित सात आरोपितों के विरुद्ध सीबीआइ ने कोर्ट में पिछले साल 21 अगस्त को चार्जशीट दाखिल की थी। इससे पहले 21 दिसंबर 2014 को सोनू कुमार सोनी के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की गई थी। विशेष सीबीआइ कोर्ट ने चार्जशीट को संज्ञान में लेकर सेशन ट्रायल चलाने के लिए जिला जज कोर्ट भेजा था

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