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दुल्ला आजम खां समेत सैकड़ों सपाई बयान दर्ज कराने पहुंचे निरीक्षण भवन फोटो - जागरण संवाददाता रामपुर शहर में पिछले दिनों जौहर यूनिवर्सिटी रोड पर बने उर्दू गेट को प्रशासन ने कम ऊंचाई का बताते हुए जेसीबी से तुड़वा दिया था। इसे...
सपा विधायक नसीर खां और अब्दुल्ला आजम खां समेत सैकड़ों सपाई बयान दर्ज कराने पहुंचे निरीक्षण भवन
रामपुर : जिलाधिकारी समेत अन्य प्रशासनिक अफसरों के खिलाफ हुई शिकायत की जांच करने आए कमिश्नर और आइजी की संयुक्त टीम के सामने सपाइयों ने बयान दर्ज कराए। सपाइयों ने उर्दू गेट को नियम विरुद्ध तरीके से गिराने का आरोप जिला प्रशासन पर लगाया।
जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी प्रशासन, नगर मजिस्ट्रेट और एसडीएम सदर को हटाए जाने की मांग की। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अजहर अहमद खां और 22 सभासदों ने बयान दर्ज कराए। कहा कि स्वार मार्ग पर रामपुर नगर पालिका की सीमा में 40.99 की लागत से वर्ष 2015-16 में उर्दू गेट का निर्माण हुआ था। इसका निर्माण जल निगम की कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस (कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज) ने किया था। 16 अगस्त 2016 को सीएंडडीएस ने इसे नगर पालिका को हस्तांतरित किया था। तब से यह गेट नगर पालिका के प्रबंधन व नियंत्रण में था और पालिका की सम्पत्ति में शामिल था। छह मार्च को तड़के जिला प्रशासन ने उर्दू गेट को जेसीबी से ध्वस्त करा दिया। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई बिना विधिक प्रक्रिया अपनाए की गई। पालिका को कोई सूचना नहीं दी गई। इस तरह गेट गिराने से जनता के धन का दुरुपयोग हुआ है। इस धन की भरपाई जिम्मेदार अफसरों और कर्मचारियों के वेतन से किया जाए। पूर्व पालिकाध्यक्ष और सभासदों ने पालिका अधिनियम 1916 की धारा 316 के अनुसार दोबारा उसी स्थान पर गेट का निर्माण कराने की मांग की।
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लाखन सिंह ने अपने बयान में कहा कि जिला प्रशासन द्वारा पिछले कुछ दिनों में जो असंवैधानिक एवं प्रतिशोधात्मक कार्रवाई की गई, उससे रामपुर का माहौल खराब हुआ है। उर्दू गेट गिराकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। रामपुर पब्लिक स्कूल की इमारत पर जबरन कब्जा किया गया। इस दौरान वहां पढ़ने वाले छोटे बच्चों को कान पकड़कर बाहर निकाला गया। जिलाधिकारी द्वारा एक ही समाज के लोगों को डराया धमकाया जा रहा है और झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है। जिला प्रशासन की इस कूटनीति के चलते निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद नहीं की जा सकती है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ नौ जिला पंचायत सदस्य भी पहुंचे। सभी ने जिलाधिकारी का तबादला कराने की मांग की। दर्जनों लोगों ने दर्ज कराए बयान
सपा लोहिया वाहिनी के जिलाध्यक्ष आकिब खां, माइनोरिटी कौमी मूवमेंट के संस्थापक एवं अध्यक्ष आसिम ऐजाज, सपा लोहिया वाहिनी के नगर अध्यक्ष नवीन शर्मा, आजमवादी युवा मंच के प्रदेश अध्यक्ष मुमताज फूल, अखिल भारतीय तुरैहा महासभा के जिलाध्यक्ष अंगन लाल तुरैहा, जिला यादव सभा के जिलाध्यक्ष अमर पाल यादव, लोहिया विचार मंच के प्रदेश अध्यक्ष मुईन पठान, नगर पालिका बिलासपुर के अध्यक्ष मोहम्मद हसन खां, नगर पंचायत शाहबाद की अध्यक्ष शमा परवीन, सपा के पूर्व नामित सभासद राजेंद्र सिंह बब्बर, सपा के शहर महासचिव अधिवक्ता अशोक कुमार मिश्रा, भारतीय कश्यप निशाद समाज के जिलाध्यक्ष भगवान दास कश्यप, आजाद हिद सेवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष शकील खां, उपाध्यक्ष नरेंद्र पाल सिंह, सपा के टांडा नगर अध्यक्ष एवं सभासद हाजी मोहम्मद जमील, हम एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष अलीम खां आदि ने भी बयान दर्ज कराए। भाजपा को जिताना चाहता है प्रशासन
रामपुर: शहर में पिछले दिनों जौहर यूनिवर्सिटी रोड पर बने उर्दू गेट को प्रशासन ने कम ऊंचाई का होने के कारण तुड़वा दिया था। इसे सपा शासनकाल में पूर्व मंत्री आजम खां ने बनवाया था। इसके बाद पूर्व मंत्री के रामपुर पब्लिक स्कूल के 23 कमरे खाली कराकर यूनानी अस्पताल को कब्जा दिला दिया। इससे खफा सपाइयों ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन भाजपा को चुनाव जिताना चाहता है। इसके लिए शहर का माहौल खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। सपाइयों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की घोषणा कर दी। पूर्व मंत्री अखिलेश यादव को भी चुनाव बहिष्कार के संबंध में पत्र भेजकर अवगत करा दिया था। अखिलेश यादव ने भी चुनाव आयोग से शिकायत की। आयोग ने इसकी जांच बैठा दी। जांच करने आए कमिश्नर यशवंत राव और आइजी रमित शर्मा के सामने बयान दर्ज किए। सपा के लोग सबसे पहले मिले। विधायक अब्दुल्ला और नसीर खां के साथ पालिकाध्यक्ष पति अजहर खां, जिलाध्यक्ष अखिलेश कुमार, शहर अध्यक्ष आसिम राजा, आजम खां के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां शानू आदि ने जांच कमेटी के सामने अपनी बात रखी। अब्दुल्ला पांच घंटे बैठे रहे गेस्ट हाउस में
आजम खां के बेटे विधायक अब्दुल्ला आजम पांच घंटे तक समर्थकों के साथ गेस्ट हाउस में बैठे रहे। अब्दुल्ला इस प्रकरण को लेकर बहुत सक्रिय हैं। दो दिन पहले उन्होने लखनऊ पहुंचकर अखिलेश यादव को पूरे प्रकरण से अवगत कराया था। उन्होंने अब्दुल्ला की बात सुनने के बाद मामले को गंभीरता से लिया। इसके बाद अखिलेश यादव ने शनिवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर प्रकरण से अवगत कराया। उनका पत्र लेकर सपा नेताओं का प्रतिनिधिमंडल आयोग से मिला था जिसमें रामपुर के अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। इसपर आयोग ने जांच बैठाई।