दिमागी बुखार का रोगी मिलने से विभाग में हड़कंप

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मुसाफि रखाना क्षेत्र के गाव में एक बालक के जापानी इंसेफ्लाइटिस वायरस की चपेट में आने से स्व...

मुसाफि रखाना : क्षेत्र के गाव में एक बालक के जापानी इंसेफ्लाइटिस वायरस की चपेट में आने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। यही नहीं ग्रामीणों ने विभाग के टीकाकरण अभियान पर प्रश्न चिन्हृ लग गया है।

विकास खंड के गुन्नौर गांव निवासी प्रदीप सिंह का पुत्र प्राजल सिंह (12) बीते पाच मार्च को तीव्र ज्वर की चपेट में आ गया। गंभीर हालत में उसे चिकित्सकों की राय पर इलाज के लिए लखनऊ मेडिकल कालेज भेजा गया, जहा जाचोंपरान्त बच्चे में एंटी जापानीज इनसेफ्लाइटिस वायरस की पुष्टि हुई। प्राजल के पिता ने बताया कि डब्ल्यूएचओ व रिसर्च की टीम ने केजीएमयू पहुंच कर बच्चे की रिपोर्ट पर जेई की पुष्टि की है। जापानी बुखार की दस्तक से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। दिलचस्प है कि दो वर्ष पूर्व ही दादरा गाव में जेई से प्रभावित एक बच्चे की मौत हुई थी, जिसमें विभाग के टीकाकरण अभियान पर सवाल खड़े हुए थे। चिकित्सक डा. केके वर्मा की मानें तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जेई की जाच संभव नहीं है। ऐसे मरीज को लखनऊ मेडिकल कालेज इलाज के लिए भेजा जाता है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आरएम श्रीवास्तव ने बताया कि गांव में टीम भेजकर दवा का छिड़काव कराया जाएगा। मेडिकल कालेज से रिपोर्ट आने के बाद संबधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

टीकाकरण की खुली पोल

जेई टीकाकरण पर भी अब संदेह उठने लगा है, जाच रिपोर्ट में जेई की पुष्टि के बाद विभाग टीकाकरण अभियान के बाबत भले ही चुप्पी साध गया, लेकिन टीकाकरण की पोल तो तभी खुल गई जब विभाग में तैनात आशा बहू के अपने ही बच्चा जेई की चपेट में आ गया।

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