समझौता ब्लास्ट: असीमानंद के बरी होने पर PAK ने भारतीय उच्चायुक्त को किया तलब, दर्ज कराया विरोध

Praveen Upadhayay's picture

RGA News

समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले में हरियाणा में पंचकूला की एक अदालत से बुधवार को सभी आरोपियों को बरी किये जाने के कुछ ही घंटे बाद पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को तलब करके अपना विरोध दर्ज कराया। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने यहां कहा कि कार्यवाहक विदेश सचिव ने भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया और वर्ष 2007 के समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले के  स्वामी असीमानंद सहित सभी चार आरोपियों को हरियाणा में पंचकूला की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत से बरी किये जाने पर अपना विरोध दर्ज कराया।

कार्यवाहक विदेश सचिव ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान ने ''इस जघन्य आतंकवादी कृत्य, जिसमें 44 निर्दोष पाकिस्तानियों को जान गंवानी पड़ी, के दोषियों को छोड़ने के भारत के केंद्रित प्रयासों का मुद्दा लगातार उठाया है।" बयान के मुताबिक, यह मुद्दा 2016 में हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन के इतर सहित कई मौकों पर उठाया गया। मामले में प्रगति का अभाव और अन्य मामलों में आरोपियों को बरी किए जाने के मुद्दों को लेकर भारत के सामने औपचारिक विरोध भी जताया गया। विदेश कार्यालय ने कहा कि समझौता आतंकी हमले की ''जघन्य घटना के 11 साल बाद आरोपियों को बरी कर दिया जाना न्याय का मजाक है और यह भारतीय अदालतों की नकली विश्वसनीयता की पोल खोल देता है।"

बयान के मुताबिक, भारतीय उच्चायुक्त को बताया गया कि दोषियों को धीरे-धीरे छोड़ना और आखिरकार बरी कर देने का योजनाबद्ध भारतीय निर्णय न सिर्फ 44 मृत पाकिस्तानियों के परिवार की तकलीफ के प्रति भारत की अत्यंत संवेदनहीनता को दर्शाता है बल्कि हिंदू आतंकवादियों को प्रोत्साहित करने और उनका संरक्षण करने की भारत की शासकीय नीति को भी दिखाता है। विदेश कार्यालय के मुताबिक, पाकिस्तान ने भारत का आह्वान किया कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए न्यायिक तरीके तलाशे कि दोषियों को सजा मिल सके।

समझौता ब्लास्ट केस में सभी चार आरोपी बरी
पंचकुला स्थित एक विशेष अदालत ने समझौता ट्रेन विस्फोट मामले में बुधवार को स्वामी असीमानंद और तीन अन्य को बरी कर दिया। वर्ष 2007 में समझौता ट्रेन विस्फोट मामले में 68 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें ज्यादातर पाकिस्तानी थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के वकील राजन मल्होत्रा ने बताया, ''अदालत ने सभी चारों आरोपियों नब कुमार सरकार उर्फ स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिन्दर चौधरी को बरी कर दिया।"

साइंस से ग्रेजुएट असीमानंद के कई उपनाम, एक भगवा पहचान

भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली ट्रेन में हरियाणा में पानीपत के निकट 18 फरवरी,2007 को उस समय विस्फोट हुआ था, जब ट्रेन अमृतसर स्थित अटारी की ओर जा रही थी। फैसला सुनाने से पहले एनआईए के विशेष न्यायाधीश जगदीप सिंह ने पाकिस्तानी महिला की एक याचिका को खारिज कर दिया। न्यायाधीश ने कहा कि इस याचिका में कोई विचारणीय मुद्दे नहीं है।

News Category: 
Place: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.