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इंदौर समाचार सेवा
हादसे के बाद शहर के कुछ हीरो की तत्परता और जज्बे ने कई लोगों की जान बचाई
इंदौर. एमएस होटल हादसे में 10 लोगों ने जान गंवाई। जब हादसा हुआ तो चारों ओर अफरातफरी मच गई। लोग बदहवास भागने लगे। हर कोई खुद को बचाने में लगा था, लेकिन इन विषम परिस्थितियों में भी शहर के कुछ ऐसे हीरो सामने आए, जिनकी तत्परता और जज्बे ने कई लोगों की जान बचाई।
कोशिश यही थी कि ज्यादा से ज्यादा को जीवित बचा लें विशाल चतुर्वेदी ने बताया मैं दोस्त के बुलावे पर भंडारे में शामिल होने 8.30 बजे सरवटे बस स्टैंड पहुंचा था। 8 बजकर 48 मिनट पर हम कॉर्नर पर चाय पी रहे थे तभी शॉर्ट सर्किट हुए और धुएं का गुबार उठ आया। जैसे ही हमने देखा होटल गिर गई है तो हम तत्काल मौके पर पहुंचे। मेरे साथ दोस्त कपिल और नितिन थे। हम मोबाइल की टॉर्च चालू कर मलबे पर चढ़ गए और पत्थर हटाने शुरू कर दिए। हमने एक रिक्शा चालक को पुलिसकर्मियों की मदद से मलबे से निकाला। इसके बाद कई और लोगों के दबने की जानकारी मिली तो मलबा हटाने में जुट गए। बस कोशिश यही थी कि ज्यादा से ज्यादा को जीवित बचा लें।
कार, दो ऑटो रिक्शा में दबे लोगों को पतरे व एंगल उठाकर निकाला
- घटनास्थल पर पहुंचे छोटी ग्वालटोली थाने के हेड कांस्टेबल गोवर्धन और कांस्टेबल मनोज दुधी ने कंट्रोल रूम पर सूचना दी तो फोर्स व निगम व प्रशासन के अधिकारी पहुंचे। गोवर्धन और मनोज ने बताया वे सरवटे बस स्टैंड की चौकी (होटल एमएस के ठीक सामने) पर थे।
- होटल गिरते ही मौके पर पहुंचे तो उनके साथ होटल महाराजा के नरेंद्र मालवीय और उनका पूरा स्टाफ आ गया। सबसे पहले कार और दो ऑटो रिक्शा में दबे लोगों को पतरे व एंगल उठाकर निकाला। इसके बाद छोटी ग्वालटोली टीआई संजू कामले, सीएसपी कोतवाली बीपीएस परिहार, एएसपी बिट्टू सहगल और एसपी पूर्व अवधेश गोस्वामी भी मौके पर आ गए। टीन के शेड को खंबों से सहारा देकर खड़ा किया, तब कुछ लोग निकल सके
एक बचाव कर्ता ने बताया कि मैं होटल के बाहर बैठा था, तभी अचानक धमाका हुआ और बिजली के तारों में शार्ट-सर्किट हुआ। हमें लगा कि शायद किसी ट्रांसफार्मर में धमाका हुआ है। जाकर देखा तो पता चला कि इमारत गिर गई है। हम मौके पर दौड़े और धूल का गुबार छंटते ही लोगों के साथ मलबे में दबे लोगों को निकालने लगे। एक बड़े टीन के शेड को हमने लोहे के खंबों से सहारा देकर खड़ा किया। तब कुछ लोग निकल सके।