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भाजपा ने गुरुवार की शाम अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की। इस बहुप्रतीक्षित सूची में उत्तर प्रदेश के 28 उम्मीदवारों के नाम है। इनमें छह सांसदों के टिकट काटे गए हैं। ...
लखनऊ: -भाजपा ने गुरुवार की शाम अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की। इस बहुप्रतीक्षित सूची में उत्तर प्रदेश के 28 उम्मीदवारों के नाम है। इनमें छह सांसदों के टिकट काटे गए हैं। जिन सांसदों के टिकट काटे गए उनमें अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री राम शंकर कठेरिया और मोदी सरकार की मंत्री कृष्णा राज प्रमुख हैं। इनके अलावा संभल से सत्यपाल सैनी, हरदोई से अंशुल वर्मा, मिश्रिख से अंजू बाला और फतेहपुर सीकरी से चौधरी बाबूलाल का टिकट कटा है।
भाजपा ने उत्तर प्रदेश के उम्मीदवारों की सूची जारी करते हुए समीकरण बनाने की भरपूर कोशिश की है। 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले मायावती को अचानक झटका देकर भाजपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी डॉ संघमित्र मौर्य को बदायूं से उम्मीदवार बनाया गया है।
भाजपा ने पिछली बार यहां वागीश पाठक को चुनाव लड़ाया था उनका टिकट काट दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य योगी सरकार में श्रम मंत्री हैं। इसके अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पहले चरण के ज्यादातर उम्मीदवारों का टिकट बचा हुआ है।सबसे खास बात यह है कि अभी हाल में टिकट को लेकर भाजपा नेतृत्व के नाक में दम करने वाले उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज का टिकट नेतृत्व ने बहाल रखा है।
साक्षी महाराज ने चिट्ठी लिखी थी और यह पत्र मीडिया में लीक होने के बाद उन्होंने प्रदेश नेतृत्व के ऊपर सवाल खड़े किए थे। सुरक्षित सीटों पर ज्यादा बदलाव हुआ है। मिश्रिख और हरदोई में अभी हाल में भाजपा में शामिल हुए सपा और बसपा छोड़कर आए पूर्व सांसद जयप्रकाश रावत और अशोक रावत पर नेतृत्व ने दांव लगाया है।
इसके अलावा शाहजहांपुर में केंद्रीय मंत्री कृष्णा राज का टिकट काट दिया गया है। जहां तक पिछड़े वर्ग की बात है तो संभल में सांसद सत्यपाल सैनी को मौका नहीं मिला है। उनकी जगह परमेश्वर लाल सैनी को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है। फतेहपुर सीकरी में जाट समाज के चौधरी बाबूलाल का टिकट कटा है तो उनकी जगह राजकुमार चाहर को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है।राजकुमार चाहर जाट बिरादरी के हैं और फतेहपुर सीकरी के सबसे बड़े जाट प्रभाव वाले चहारबाड़ी में उनका प्रभाव है।
भाजपा ने योगी सरकार के मंत्री एसपी सिंह बघेल पर दांव लगाया है। उन्हें आगरा सुरक्षित सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। पशुधन मंत्री एसपी सिंह बघेल 2014 में फिरोजाबाद क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं। इसके अलावा इस सरकार में एक दूसरे मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा को पार्टी ने मौका देकर पिछड़े वर्ग को खासतौर से मौर्य, शाक्य, सैनी और कुशवाहा समाज को साधने की पहल की है।
संभल में इस समाज के सत्यपाल सैनी का टिकट कटा है तो परमेश्वर लाल सैनी को मौका दिया गया है । अभी पहले चरण में कैराना उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया है। कैराना बहुत ही प्रतिष्ठित सीट है और उपचुनाव में यहां से भाजपा उम्मीदवार मृगांका सिंह को शिकस्त मिली। उन्हें राष्ट्रीय लोकदल की तबस्सुम ने चुनाव हराया था। भाजपा इस सीट पर फूंक फूंक कर कदम रख रही है और एक एक बिंदुओं का अवलोकन कर रही है। वहीं दूसरे चरण में होने वाले चुनाव नगीना के लिए अभी तक कोई नाम तय नहीं हुआ। नगीना सीट से पहले मायावती के चुनाव लड़ने की बात थी। नगीना पर भी भाजपा नजर टिकाए है। उत्तर प्रदेश में पहले चरण में करीब 16 प्रतिशत सांसदों के टिकट काटे गए हैं।