लोकसभा चुनाव 2019: भाजपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी डॉ. संघमित्रा मौर्य को बदायूं सीट उतारा

Praveen Upadhayay's picture

RGA News बदायूं

स्वामी प्रसाद मौर्य पुराने संबंधों के दम पर बसपा के परंपरागत वोट बैंक में सेंधमारी कर अपनी बेटी डॉ. संघमित्रा मौर्य को बदायूं सीट से संसद तक पहुंचाने की जुगत में हैं।...

बदायूं : लोकसभा चुनावी समर का आगाज हो चुका है। भाजपा के टिकट की आस में महीनों से पसीना बहा रहे नेताओं की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। डॉ. संघमित्रा मौर्य ने बदायूं सीट पर दस्तक दे दी है। तीन दशक से यहां जीत के लिए मशक्कत कर रही भाजपा में अतीत के सहारे भविष्य संवारने की कोशिश की जा रही है। मौर्य-शाक्य वर्ग में स्वामी प्रसाद मौर्य प्रभावशाली नेताओं के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। बसपा में उनका लंबा समय गुजरा है। सपा-बसपा गठबंधन में यह सीट सपा के खाते में गई है, इसलिए बसपाइयों से पुराने संबंधों के दम पर बसपा के परंपरागत वोट बैंक में सेंधमारी कर अपनी बेटी को संसद तक पहुंचाने की जुगत में हैं।

पिछले चुनाव में प्रचंड मोदी लहर के बीच झेलनी पड़ी थी करारी शिकस्त 

पिछले लोकसभा चुनाव में प्रचंड मोदी लहर के बीच भाजपा को उत्तर प्रदेश की जिन पांच सीटों पर करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी उनमें बदायूं भी शामिल रहा। इस बार चुनाव की सुगबुगाहट के साथ ही यह माना जाने लगा था कि भाजपा यहां भी कोई बड़ा कदम उठाएगी। शुरूआत में संघमित्रा के नाम की कानाफूंसी शुरू हुई थी, लेकिन बाद में स्थानीय दिग्गजों की ओर से पेश की जा रही दावेदारी के बीच उनकी चर्चा कम हो गई थी। टिकट के दावेदार दिल्ली में डेरा डाले हुए थे, सभी अपने टिकट को लेकर आश्वस्त दिख रहे है। होली पर जब नेताओं की घर वापसी हुई तो त्योहार के दिन ही शाम को पार्टी ने संघमित्रा मौर्य को चुनाव मैदान में उतार दिया।

गठबंधन से धर्मेंद्र यादव, कांग्रेस से सलीम इकबाल शेरवानी मैदान में

सपा-बसपा गठबंधन से सपा के मौजूदा सांसद धर्मेंद्र यादव पहले से मैदान में दहाड़ रहे हैं। बदायूं से पांच बार सांसद रह चुके सलीम इकबाल शेरवानी कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं। अब चुनावी समर में त्रिकोणीय मुकाबला साफ दिखाई देने लगा है। 

News Category: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.