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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। अब तक वह विधानसभा चुनाव ही लड़ते रहे हैं। ...
रामपुर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। अब तक वह विधानसभा चुनाव ही लड़ते रहे हैं। वह नौ बार विधायक चुने जा चुके हैं। सपा-बसपा गठबंधन में रामपुर लोकसभा सीट सपा के खाते में आई है। जिस दिन सीटों का बंटवारा हुआ, उसी दिन से ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार आजम चुनाव लड़ेंगे। रविवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने उनके नाम की घोषणा भी कर दी।
लंबा है सियासी सफर
आजम खान का सियासी सफर काफी लंबा है। वह प्रदेश के सबसे सीनियर विधायक हैं। उन्होंने सियासत की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में वह छात्रसंघ के महासचिव रहे। आपातकाल में जेल भी गए। 1977 में रामपुर विधानसभा क्षेत्र से पहला चुनाव लड़े, हालांकि इसमें सफलता नहीं मिली। इसके बाद 1980 में रामपुर से विधायक बने। 1985 और 89 के चुनाव में भी सफल रहे। 1989 में जब प्रदेश में मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में सरकार बनी तो उसमें आजम खान को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया। इसके बाद 1991 और 1993 में हुए चुनाव में भी आजम खां विजयी हुए।
मुलायम सरकार में बने कैबिनेट मंत्री
1993 में बनी मुलायम सरकार में आजम खां को कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई गई। इसके बाद 1996 में हुए चुनाव में वह हार गए । तब समाजवादी पार्टी ने उन्हें राज्यसभा सांसद बना दिया। इसके बाद 2002 में हुए विधानसभा चुनाव में वह फिर विधायक बन गए। 2003 में सपा की सरकार बनी तो वह संसदीय कार्य एवं नगर विकास समेत पांच विभागों के मंत्री बनाए गए। 2007 और 2012 में भी विधायक चुने गए। अखिलेश यादव की सरकार में भी वह संसदीय कार्य, नगर विकास, अल्पसंख्यक कल्याण समेत आठ विभागो के मंत्री रहे। 2017 के चुनाव में भी रामपुर शहर से विधायक चुने गए। उनके बेटे अब्दुल्ला आजम स्वार टांडा विधानसभा सीट से विधायक हैं, जबकि उनकी पत्नी डॉक्टर तजीम फातमा राज्यसभा सदस्य हैं ।
सपा कर चुकी चुनाव बहिष्कार का ऐलान
रामपुर में समाजवादी पार्टी प्रशासन पर माहौल खराब करने का आरोप लगाते हुए लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान कर चुकी है। सपा नेताओं ने बैठक कर आरोप लगाया था कि जिला प्रशासन माहौल खराब कर रहा है। इन अधिकारियों के रहते निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद नहीं की जा सकती। इस संबंध में सपा मुखिया अखिलेश यादव को भी प्रस्ताव की कॉपी भेजी गई थी। आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम ने खुद अखिलेश यादव से मुलाकात कर सारे प्रकरण की जानकारी दी थी। तब अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग को चि_ी लिखकर अवगत कराया था। आयोग ने मुरादाबाद के कमिश्नर और हमले की जांच भी कराई है, लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। उधर सपा मुखिया द्वारा आजम खां को प्रत्याशी घोषित कर दिए जाने के बाद सपाई अब चुनाव बहिष्कार के फैसले पर दोबारा विचार करेंगे। इसके लिए सपा कार्यालय पर रविवार की रात मीटिंग बुलाई गई है।