अखिलेश व मुलायम की मुश्किल बढ़ी, आय से अधिक संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट का सीबीआई को नोटिस

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चुनावी मौसम में समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव के साथ उनके पुत्र तथा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ...

लखनऊ: -समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव के साथ पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की मुश्किल लोकसभा चुनाव के दौरान बढ़ सकती है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इनके खिलाफ सीबीआई जांच की प्रगति की मांग पर सीबीआइ को नोटिस जारी कर इसकी जांच रिपोर्ट मांगी है। 

चुनावी मौसम में समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव के साथ उनके पुत्र तथा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आज सुप्रीम कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में इनके खिलाफ हुई जाँच का स्टेटस बताने की मांग पर सीबीआई को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है। इनके खिलाफ आय से अधिक की संपत्ति के मामले में विश्वनाथ चतुर्वेदी ने याचिका दायर की है। इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ राजनीतिक कार्यकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी की याचिका पर सुनवाई की। अर्जी में सीबीआई को अदालत में अपनी जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी किया जिसमें सपा नेता मुलायम सिंह यादव और उनके बेटों अखिलेश यादव और प्रतीक यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच रिपोर्ट देने की मांग की गई।

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की एक पीठ ने समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह और उनके दो बेटों के खिलाफ संपत्ति मामले में जांच की वर्तमान स्थिति के संबंध में सीबीआई से दो सप्ताह में अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करने को कहा।

पीठ कांग्रेस नेता विश्वनाथ चतुर्वेदी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मामले की जांच की स्थिति से अदालत को अवगत कराने के लिए जांच एजेंसी को निर्देश देने की मांग की गई थी।

याचिकाकर्ता ने 2005 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई को मुलायम, अखिलेश, उनकी पत्नी डिंपल यादव और प्रतीक यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत केस चलाने का निर्देश देने की मांग की थी। इन सभी खिलाफ अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति बनाने का आरोप लगाया था।

सुप्रीम कोर्ट ने एक मार्च 2007 को सीबीआई को आरोपों की जांच करने और यह पता लगाने के लिए कहा था कि याचिका में सपा नेताओं के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप सही हैं या नहीं। इसके बाद में 2012 में कोर्ट ने मुलायम सिंह, अखिलेश और प्रतीक की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने डिंपल यादव की याचिका मंजूर कर ली थी और सीबीआई को उनके खिलाफ जांच रोकने को कहा था। कोर्ट ने कहा था कि वह कोई सार्वजनिक पद पर नहीं हैं। कोर्ट ने एक मार्च 2007 के आदेश में भी संशोधन किया था और जांच एजेंसी से कोर्ट में स्थिति रिपोर्ट दायर करने को कहा था।

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