हनुमान जी की देह भी है उनका हथियार खास हैं सारे शस्त्र और ध्वज भी

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मंगलवार को हनुमान जी की पूजा का दिन माना जाता है। इस खास दिन पर जानें उनसे जुड़ी कुछ अनोखी बातें। ...

मंगलवार को करें पूजा 

मंगलवार को बजरंगबली की पूजा की जाती है क्‍योंकि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था। साथ ही उनको मंगल ग्रह का नियंत्रक भी माना जाता है। यही वजह है कि इस दिन को हनुमान जी की पूजा के लिए नियत किया गया। ऐसा विश्‍वास किया जाता है कि इस दिन हनुमान जी की उपासना करने से साहस, आत्मविश्वास और आत्‍मशक्ति की प्राप्ति होती है।

दस हैं आयुध 

अगर शास्‍त्रों की मानें तो हनुमान जी को दस आयुधों से अलंकृत माना जाता है।  इन आयुधों की व्याख्‍या में खड्ग, त्रिशूल, खट्वांग, पाश, पर्वत, अंकुश, स्तम्भ, मुष्टि, गदा और वृक्ष शामिल हैं। हालांकि उनका प्रमुख हथियार गदा ही है। उनका बायां हाथ गदा से युक्त कहा गया है. 'वामहस्तगदायुक्तम्'. रावण से युद्ध में हनुमान जी ने गदा का ही प्रयोग किया था और उसी उन्होंने रावण के रथ को खंडित किया था। 

हर अंग है अस्‍त्र

इसके बावजूद उनके अन्‍य हथियारों का भी वर्णन मिलता है। जैसे  स्कंदपुराण में हनुमान जी को वज्रायुध धारण करने वाला कहा गया है। माना जाता है कि उनके हाथ में वज्र सदा विराजमान रहता है। वहीं उनकी मुठ्ठी भी हथियार है। कई पौराणिक कथाओं में उन्‍होंने अपने मुष्‍ठि प्रहार कई दुष्‍टों को धूल चटाई है। वहीं अशोक वाटिका में राक्षसों के संहार के लिए उन्‍होंने वृक्ष के तने का भी प्रयोग किया था। हनुमान जी की पूंछ भी उनका एक अस्त्र है। यानि कहा जा सकता है कि उनके संपूर्ण अंग रद, मुष्ठि, नख, पूंछ, गदा एवं गिरि, पादप आदि एक दिव्यास्त्र के समान ही हैं। यही कारण हैं हुनमान जी को वज्रांग कहा जाता है। 

ध्‍वज भी महत्‍वपूर्ण

कहते हैं कि महाभारत के युद्ध में हनुमान जी अर्जुन के रथ के ध्वज पर विराजमान थे और सारे युद्ध में उन्होंने पांडवों की रक्षा की थी। इसीलिए आयु रक्षा, मुकदमों तथा परीक्षा में विजय और संपत्ति की प्राप्ति के लिए हनुमान जी को मंगलवार को हनुमान जी पर तिकोनी केसरिया ध्वजा चढ़ाई जाती है।

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