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रामपुर समाचार सेवा
रामपुर: संवाददाता । समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मंत्री आजम खां और उनके बेटे विधायक अब्दुल्ला आजम जालसाजी के आरोपों में कोर्ट ने मुकदमा कायम कर लिया है। पूर्व मंत्री नवेद मियां ने दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दे दिया था। समाजवादी समाज पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे आजम खान ने पिछले विधानसभा चुनाव में अपने बेटे अब्दुल्ला को स्वार टांडा से सपा प्रत्याशी बनाया। अब्दुल्ला के नामांकन कराने के साथ ही उनकी उम्र को लेकर विवाद खड़ा हो गया।
उनके मुकाबले बसपा प्रत्याशी रहे पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खान उर्फ़ नवेद मियां ने निर्वाचन अधिकारी के समक्ष आपत्ति दाखिल की थी कि अब्दुल्ला की उम्र 25 साल से कम है। तब अब्दुल्ला ने लखनऊ के एक अस्पताल का जन्म प्रमाण पत्र दाखिल किया, जिसमें उनकी उम्र 25 साल से ज्यादा थी। इस पर निर्वाचन अधिकारी ने आपत्ति खारिज करते हुए अब्दुल्ला का नामांकन पत्र सही ठहरा दिया, लेकिन चुनाव संपन्न हो जाने के बाद नवेद मियां के हाथ अब्दुल्ला आज़म की हाईस्कूल की मार्कशीट लग गई, जिसमें उनकी उम्र सात माह कम थी, इसे लेकर नवेद मियां ने अब्दुल्ला के खिलाफ हाई कोर्ट में मुकदमा दायर कर दिया।
अदालत में यह मुकदमा विचाराधीन है, लेकिन इसी बीच पूर्व मंत्री शिव बहादुर सक्सेना के बेटे भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने भी अब्दुल्ला के खिलाफ मुख्य निर्वाचन अधिकारी लखनऊ से शिकायत कर दी, जिसमें कहा कि अब्दुल्ला ने फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नामांकन पत्र दाखिल किया है। शपथ पत्र भी झूठा है उसके साथ जो पैन कार्ड लगा है, वह भी गलत है। इस पर जांच पड़ताल कराई गई तो उनके आरोप सही पाए गए।
अब्दुल्ला की उम्र पैन कार्ड में कम पाई गई। नवेद मियां ने इसी जांच को आधार बनाकर अदालत में प्रार्थना पत्र दिया, जिसमें कहा कि अब्दुल्ला ने अपने नामांकन पत्र के साथ फर्जी प्रमाण पत्र दाखिल किए । इसमे आजम खां की भी साजिश है। इसलिए अब्दुल्ला और उनके पिता आजम खां के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया जाए। इस मामले में अदालत ने परिवाद दायर कर लिया है।