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लखनऊ में राष्ट्रीय उलमा कौंसिल ने समाजवादी पार्टी के साथ ही बहुजन समाज पार्टी पर टिकट के ऐवज में 1600 करोड़ रुपया वसूलने का आरोप जड़ा है।...
लखनऊ: -लोकसभा चुनाव 2019 में पहले चरण के मतदान की तारीख नजदीक आते ही राजनीतिक दलों का आरोप-प्रत्यारोप बढ़ता जा रहा है। लखनऊ में राष्ट्रीय उलमा कौंसिल ने समाजवादी पार्टी के साथ ही बहुजन समाज पार्टी पर टिकट के ऐवज में 1600 करोड़ रुपया वसूलने का आरोप जड़ा है। उलेमा कौंसिल ने चुनाव आयोग से इस मामले में अखिलेश यादव व मायावती का नार्को टेस्ट भी कराने की मांग की है।
लखनऊ में अपने कार्यालय में आज राष्ट्रीय उलमा कौंसिल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सपा-बसपा गठबंधन व कांग्रेस पर पर निशाना साधा। मौलाना आमिर रशादी ने सपा-बसपा गठबंधन व कांग्रेस पर कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को भाजपा का भय दिखाकर सपा-बसपा गठबंधन ने लोकसभा चुनाव में टिकट बेचकर 1600 करोड़ रुपये से अधिक कमाए हैं। उम्मीदवारों को 20 से 40 करोड़ रुपये में लोकसभा चुनाव के टिकट बेचे गए। उन्होंने चुनाव आयोग से अखिलेश यादव व मायावती के खिलाफ कार्रवाई कर नार्कोटेस्ट कराने की मांग की।
मौलाना ने कहा कि सपा-बसपा दोनों ही पार्टियों अपना अस्तित्व खो चुकी हैं और 2019 का लोकसभा चुनाव उनकी आखिरी लड़ाई होगी। अपनी आखिरी लड़ाई जीतने के लिए दोनों कट्टर दुश्मनों ने हाथ मिला लिया है। उन्होंने मायावती को दलितों की नहीं दौलत की बेटी बताया। उन्होंने कहा कि दलितों के नाम पर मायावती ने केवल पैसा कमाने का काम किया।
मौलाना रशादी ने कांग्रेस पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भी केवल मुसलमानों का वोट चाहती है, उनका भला नहीं। प्रियंका चंद्र शेखर रावण से मिलने अस्पताल तो पहुंच गई पर वह या राहुल गांधी गुरुग्राम में पीडि़त मुस्लिम परिवार से मिलन तक नहीं गए। 70 वर्षों से सपा, बसपा व कांग्रेस ने मुसलमानों को भाजपा का भय दिखाकर उनका वोट हासिल करने का काम किया, लेकिन अब मुसलमान हर भय से लडऩा जानता है।
उन्होंने भाजपा पर भी हमला बोला। इस दौरान कहा कि देश हित के नाम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र में सरकार बनाकर सबका साथ-सबका विकास का नारा दिया था, लेकिन 22 फीसद आबादी वाले मुस्लिम समाज को भूलकर उन्होंने साबित कर दिया कि यह भी एक जुमला है। उन्होंने कहा कि सभी राजनैतिक दलों ने लोकसभा चुनाव के लिए अन्य छोटे-बड़े दलों के साथ गठबंधन किया, लेकिन मुस्लिम नेतृत्व वाली पार्टियों की राजनैतिक हत्या करने के लिए उनके साथ किसी पार्टी ने गठबंधन नहीं किया। यह सभी दल मुस्लिम समाज को सियासी गुलाम बनाना चाहते हैं।
कौंसिल के अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी ने बताया कि हम उत्तर प्रदेश में 19 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतार रहे हैं। इसके साथ ही देश भर में हमारे 30 प्रत्याशी मैदान में रहेंगे। उन्होंने बताया कई राजनैतिक दलों व संगठनों के साथ गठबंधन कर अन्य प्रदेशों में भी उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है। अभी उन्होंने अपने उम्मीदवारों के नाम सार्वजनिक करने से इंकार किया। कॉन्फ्रेंस में मुस्लिम मजलिस के राष्ट्रीय अध्यक्ष वसी अहमद सहित अन्य संगठनों के कई पदाधिकारी मौजूद रहे।
आजमगढ़ में अखिलेश के खिलाफ उतारेंगे उम्मीदवार
मौलाना आमिर रशादी ने कहा कि वह प्रदेश के 19 शहरों में अपने उम्मीदवार उतारेंगे। इसमें मुरादाबाद, संभल, जलौन-उरई, झांसी, हमीरपुर, बांदा-चित्रकूट, फूलपुर, अंबेडकर नगर, श्रावस्ती, महाराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, लालगंज, आजमगढ़, घोसी, जौनपुर, मछलीशहर, चंदौली व रॉबर्टगंज सीटें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आजमगढ़ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को हराने के लिए संगठन पूरी ताकत लगा देगा। इसके अलावा ओलमा कौंसिल बिहार से तीन, झारखंड से एक, दिल्ली से एक, महाराष्ट्र से छह सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। इसके अलावा भी कई सीटों पर उम्मीदवार उतारने पर विचार किया जा रहा है।
सपा सरकार में हुई थी पहली मॉब लिंचिंग की घटना
मौलाना आमिर रशादी ने कहा कि उप्र में सबसे पहली मॉब लिंचिंग की घटना सपा सरकार में अखलाक के साथ हुई थी। जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे। सपा सरकार में 657 दंगे हुए, जिसमें सैकड़ों मुस्लिम परिवार बिखर गए। इसलिए अखिलेश यादव को ट्वीट करने का हक नहीं है।