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एक अप्रैल से देना और विजया बैंक का बीओबी में होगा विलय। मर्जर के बाद ग्राहकों की बैंङ्क्षकग सेवाएं नहीं होगी प्रभावित। ...
आगरा :- नए वित्तीय वर्ष का सूरज जब तक उदय होगा, तब तक मथुरा शहर से दो बैंकों का नाम मिट जाएगा। ये दो बैंक एक अप्रैल से बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) के नाम से ही जानी जाएंगी। यही नहीं, लगभग 30 हजार ग्राहक भी बीओबी के खाते में आ जाएंगे। हालांकि बैंक अधिकारी का दावा है कि विलय के बावजूद ग्राहकों की सेवाएं कतई प्रभावित नहीं होंगी।
सरकार ने बीते दिनों देना और विजया बैंक को बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय की मंजूरी दी थी। ऐसा दूसरी बार होने जा रहा है। इससे पूर्व स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में उसकी पांच सहायक बैंकों का मर्जर हो चुका है। सरकार का यह कदम भले सीमित और बेहतर बैंकिंग सेवाएं देने के लिए उठाया जा रहा है, लेकिन बैंक यूनियन द्वारा समय-समय पर इसका विरोध होता रहा है। वहीं, बैंक अधिकारियों का कहना है कि विलय के बावजूद ग्राहकों को मिल रही बैंकिंग सेवाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सब कुछ वैसा ही होगा, बस नाम बदलेगा। देना बैंक के मथुरा ब्रांच के मैनेजर एसके अग्रवाल ने बताया कि ग्राहकों को घबराने की जरूरत नहीं है। सब कुछ पहले जैसा ही रहेगा। वहीं, विजया बैंक के अधिकारी ने ज्यादा कुछ बताने से इन्कार कर दिया।
बीओबी का होगा ये सब
लीड बैंक के आंकड़ों के मुताबिक बीओबी की जिले में 11 शाखाएं हैं, जबकि अन्य दोनों की दो-दो ब्रांच हैं। कुल मिलाकर 15 शाखाएं हो जाएंगी। वहीं, बीओबी का 852 करोड़ का डिपॉजिट और 367 करोड़ रुपये एडवांस, देना का 60 करोड़ का डिपॉजिट और 66 करोड़ का एडवांस, विजया का 121 करोड़ का डिपॉजिट और 33 करोड़ रुपये का एडवांस है। सारा मिलाकर करीब 1500 करोड़ रुपये का बिजनेस बीओबी का हो जाएगा। साथ ही खातों पर नजर डालें, तो बीओबी के करीब 1.21 लाख, देना के 18040 और विजया के 12162 अकाउंट्स हैं। मर्जर के बाद 1.30 खाते हो जाएंगे।
(आंकड़े औसत में)