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RGA News
आनन-फानन बयान जारी कर आंदोलन की सफलता पर आभार भी जता दिया और दलित हितों की रक्षा के लिए सड़क पर संघर्ष जारी रखने की घोषणा भी कर डाली।...
लखनऊ - राजनीतिक कशमकश में उलझी बहुजन समाज पार्टी ने तेवर बदले हैं। दलित वोट बैंक की वापसी कराने की चाहत में वह सोमवार को आरक्षण आंदोलन के समर्थन में खुलकर सामने आ गयी। आमतौर पर उग्र आंदोलनों से दूर रहने वालीं मायावती ने सोमवार को दलित संगठनों के भारत बंद को समर्थन देने के साथ ही अपने कार्यकर्ताओं को भी मैदान में उतारा। इतना ही नहीं आनन-फानन बयान जारी कर आंदोलन की सफलता पर आभार भी जता दिया और दलित हितों की रक्षा के लिए सड़क पर संघर्ष जारी रखने की घोषणा भी कर डाली।
भारत बंद के आह्वान को लेकर रविवार तक मौन साधे रखने वाली बसपा यूं नहीं आक्रामक हुई हैं। गत विधानसभा और लोकसभा चुनावों में अपना न्यूनतम प्रदर्शन करने वाली बसपा को दलित वोटबैंक बचाए रखने की फिक्र सता रही है। उक्त दोनों चुनावों में दलितों का एक बड़ा हिस्सा भाजपा के पक्ष में जाने से वह बेचैन है। भाजपा ने राष्ट्रपति पद पर उत्तर प्रदेश के रामनाथ कोविंद को आसीन कराकर बसपा की बेचैनी और बढ़ा दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा दलितों और पिछड़ों को तरजीह देने के कार्यक्रमों से भी बसपा भी फिक्रमंद है।