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आजमगढ़ या देवी सर्वभूतेषु मातृ रूपेश संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम।.के मंत्र से शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र का घर व मंदिर देवीमय हो गया। चैत्र नवरात्र के पहले दिन जिले के प्रमुख देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया तथा नारियल चुनरी धूप गुड़हल चढ़ाकर परिवार के सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान मां के जयकारे एवं घंट-घड़ियाल से मंदिर परिसर सहित पूरा क्षेत्र के देवीमय हो गया। लोगों ने अपने-अपने घरों में वैदिक मंत्रोच्चार व शुभ मुहूर्त में कलश की स्थापना कर दुर्गा सप्तशती का पाठ किया।...
आजमगढ़ : 'या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:' के मंत्र से शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र का घर व मंदिर देवीमय हो गया। चैत्र नवरात्र के पहले दिन जिले के प्रमुख देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया तथा नारियल, चुनरी, धूप, गुड़हल चढ़ाकर परिवार के सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान मां के जयकारे एवं घंट-घड़ियाल से मंदिर परिसर सहित पूरा क्षेत्र के देवीमय हो गया। लोगों ने अपने-अपने घरों में वैदिक मंत्रोच्चार व शुभ मुहूर्त में कलश की स्थापना कर दुर्गा सप्तशती का पाठ किया।
पर्व पर अपने-अपने घरों पर कलश स्थापना करके नौ दिवसीय देवी पूजा शुरू कर दिया। प्रात: उठकर स्नान आदि करके तमाम लोगों ने दुर्गा मंदिरों में जमकर जल चढ़ाया। शहर के दक्षिण मुखी माता मंदिर, रैदोपुर दुर्गा मंदिर, चंडेश्वर स्थित दुर्गा मंदिर, बड़ादेव स्थित मंदिर व बह्मस्थान मंदिर समेत विभिन्न मंदिरों में भी महिलाएं और पुरुषों ने देवी को जल चढ़ाया। वहीं ग्रामीण क्षेत्र के पाल्हमेश्वरी धाम, शीतला मंदिर, रानी की सराय स्थित दुर्गा मंदिर, अवंतिकापुरी स्थित मंदिर, लालगंज स्थित दुर्गा मंदिर, मेंहनगर स्थित महामंडेलेश्वर धाम, दत्तात्रेय धाम, भैरवधाम व चक्रपानपुर के परमज्योति माता मंदिर में सुबह पौ फटने से पूर्व ही श्रद्धालु हाथ में माला, फूल, चुनरी, नारियल, अगरबत्ती, धूपबत्ती आदि लेकर कतारबद्ध हो गए थे। महिलाओं ने कड़ाई चढ़ाई। प्रसाद व सिदूर भी माता के चरणों में अर्पित किया। कई लोग मनौती पूरी होने पर ढोल-नगाड़े के साथ जयकारा लगाते हुए पहुंचे। वहीं कुछ श्रद्धालुओं ने नौ दिवसीय व्रत का अनुष्ठान किया। श्रद्धालुओं के दर्शन पूजन के लिए मंदिर के पट चार बजे भोर से ही खोल दिए गए थे।