मंसूर हसन शाह का 39 वां उर्स का आज कुल कार्यक्रम

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संवाददाता अमर जीत

फरीदपुर: मंसूर हसन शाह का 39 वां उर्स कस्बे के मोहल्ला वकसरिया स्थित उनकी दरगाह पर मनाया जा रहा है जिसमें कई प्रदेशों से अकीदतमंद पहुंचे हुए हैं। बुद्धवार की सुबह 10:00 बजे कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। जिसमें  सूफी मुनव्वर हुसैन एवं अन्य उलेमाओं ने नात  मनकबत तकरीर पेश की एवं सज्जादा नशीन हाफिज़ अहमद नूर मियां ने हिंदुस्तान की तरक्की के लिए एवं कौम के लिए दुआ फरमाई। दरगाह कमेटी के आजम खान उर्फ गुड्डू ने बताया कि गुरुवार को सुबह 8:00 बजे से संदल शरीफ का जुलूस कस्बे के निर्धारित मार्गो से होकर गुजरेगा। जुलूस में दूर दूर से आए अकीदतमंद हर बार की तरह बड़ी तादाद में शामिल हो रहे हैं।   
पुलिस प्रशासन ने उर्स के आयोजक एवं दरगाह के सज्जादानशीन हाफिज़ अहमद नूर मियां से बुधवार को वार्ता कर गुरुवार को होने वाले जुलूस की तैयारी पूरी कर ली है।

पुलिस की एक लापरवाही हर बार बनती है मुसीबत
 दरअसल चार  वर्ष पहले  दरगाह से ही जुड़े जुम्मा खान व साबरी बेगम  को पुलिस ने लापरवाही के चलते उर्स  की परमीशन  कर दी थी। एक ही उर्स की दो परमीशन होने की जानकारी पर जुम्मा पक्ष की परमीशन को निरस्त कर दिया था ।उसी परमीशन के कागज को दिखाते हुए  जुम्मा पक्ष परमीशन कराने के लिए हर बार आवेदन पुलिस को देकर  विवाद कर देते हैं। अब तीन बरसों से पुलिस ने जुम्मा पक्ष को परमिशन नहीं की है 39 वर्ष पूर्व से चला रहा उर्स ही मनाया जाता है। दो बार बगैर परमीशन  के जुम्मा पक्ष संदल का जुलूस भी निकालने का प्रयास कर चुका हैं जो पुलिस के आलाधिकारियो ने मौके पर पहुंच  कर जुलूस रुकवा दिया था। दूसरा जुलूस ना निकल सके एवं व्यवस्थाएं  के मद्देनजर पुलिस ने जुलूस का भी रूट मौके पर जाकर बुधवार को देखा। इस संबंध में जुम्मा खान का कहना है कि बाबा मंसूर हसन शाह ने उन्हें एक वसीयत की थी जिसके आधार पर वह अपने अकीदतमंदों के साथ अलग  उर्स मनाना चाहते हैं वहीं दरगाह के सज्जादा नशीन हाफिज़ अहमद नूर मियां का कहना है कि कोई विवाद हमारा किसी से नहीं है कुछ दरगाह से जुड़े ही शरारती तत्व हर बार फिजा बिगाड़ने की कोशिश करते हैं ।

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