गजब: दूल्हा बन घोड़ी बैठकर बैंडबाजे के साथ नामांकन कराने पहुंचा लोकसभा प्रत्याशी

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हर चुनाव में अपने अजब-गजब किस्सों के लिए मशहूर किशन लाल वैध सोमवार को भी अनूठे अंदाज में नामांकन कराने पहुंचे।...

शाहजहांपुर : हर चुनाव में अपने अजब-गजब किस्सों के लिए मशहूर किशन लाल वैध सोमवार को भी अनूठे अंदाज में नामांकन कराने पहुंचे। वह दूल्हा बन बैंडबाजे के साथ घोड़ी पर बैठकर नामांकन के लिए गए और संयुक्त विकास पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर नामांकन कराया।

सोमवार दोपहर करीब डेढ़ बजे संयुक्त विकास पार्टी के प्रत्याशी किशन लाल गाजे बाजे के साथ घोड़ी पर बैठ नामांकन निकले। इस दौरान जिसकी नजर उन पर पड़ी, वह आश्चर्यचकित रह गया। वह सदर बाजार के रास्ते कलेक्ट्रेट की ओर आगे बढ़े, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया। वहां से किशन को बिना बैंडबाजे के कचहरी तक जाना पड़ा। घोड़ी पर बैठे थे मगर कलेक्ट्रेट गेट पर पुलिस वालों ने नीचे उतार लिया। इसके बाद किशन पैदल ही झूमते, गाते व नाचते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष नामांकन को पहुंचे। यहां किशन ने शपथ लेकर नामांकन के दो सेट की औपचारिकताएं पूरी की। आरजी गंगवार, सचिन कुमार रस्तोगी, आदर्श कुमार, राजेश, सुनील कुमार, आनंद कुमार सक्सेना, संतोष कुमार, अनूप, विजय कुमार आदि किशन के प्रस्तावक बने।

मेरे पैरों में घुंघरू बांध फिर मेरी चाल देख लें

नामांकन के दौरान किशन लाल ने मेरे पैरों में घुंघरू बांध, फिर मेरी चाल देख ले.., आज मेरे नामांकन की बारी है आदि फिल्मी गीतों पर ठुमके लगाकर सभी को आकर्षित करने का प्रयास किया। किशन के अनोखे अंदाज पर पुलिस व प्रशासनिक अफसर भी मुस्कराते नजर आए। गंभीर रहने वाले जिला निर्वाचन अधिकारी अमृत त्रिपाठी भी किशन के निराले अंदाज पर मुस्कराहट दबा नहीं पाए।

शपथ में लडखड़ाए किशन

नाम निर्देशन पत्र भरते समय जिला निर्वाचन अधिकारी ने किशन लाल को शपथ दिलाई। किशन शुद्ध शब्दों में शपथ नहीं ले सके। उन्हें पानी की फरियाद करनी पड़ी।

राजनीति का दामाद बनकर आया हूं

नामांकन के दौरान किशन लाल ने कहा कि वह अब तक 17 चुनाव लड़ चुके हैं। राष्ट्रपति चुनाव का पर्चा खरीदा था, लेकिन प्रस्तावक पूरे नहीं हो पाए। किशन का कहना है कि सभी राजनीतिक दलों ने ठगा है। वह लोगों को उद्योग लगवाकर रोजगार दिलाएंगे।

अर्थी व भैंसे पर भी जाकर करा चुके हैं नामांकन

किशन कहते हैं कि वह हर बार चुनाव जीतने के लिए लड़ते हैं। यहां के युवाओं की सबसे बड़ी जरूरत रोजगार है, जिस पर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है। वह अपने अनोखे अंदाज में प्रचार को लेकर भी चर्चा में रहते हैं। उन्होंने महिलाओं से घर-घर जाकर राखी बंधवाकर चुनाव में वोट देने का वादा लिया था। इससे पहले अर्थी और भैंसे पर जाकर नामांकन भी करा चुके हैं। 

पालिका से लेकर लोकसभा तक ठोंक चुके ताल

वैद्यराज किशन अब तक 18 चुनावों में किस्मत आजमा चुके हैं। सभासद बनने से लेकर लोकसभा तक पहुंचने के लिए चुनाव मैदान में बड़े-बड़े प्रत्याशियों के सामने ताल ठोंक चुके हैं, पर जीत एक में भी नसीब नहीं हुई। बावजूद इसके उनका जोश कम नहीं हुआ है। वह इस बार फिर से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। इस उम्मीद पर कि एक दिन जनता उनके वादों पर यकीन करेगी और उन्हें विजयश्री जरूर मिलेगी।

करते हैं लोगों का इलाज

शहर में लंबे समय तक एनाउंसर का काम करने वाले 59 वर्षीय वैद्यराज किशन जड़ी बूटियों से निर्मित दवाओं से लोगों की बीमारियों का इलाज भी करते हैं। कुछ लाेगों को लाभ होने के कारण उनके पास आसपास गांवों से भी मरीज आते हैं। 1974 में जब वह काफी छोटे थे तो कांग्रेस नेता जितेंद्र प्रसाद बाबा साहब का प्रचार किया था। वहीं से बतौर एनाउंसर उन्हें पहचान मिली। किशन को चुनाव लड़ने में उनके परिचित मदद करते हैं।

17 चुनाव लड़ चुके किशन :

  • 1981 में 21 वर्ष में सभासद का पहला चुनाव लड़ा
  • 11 बार सभासद पद का चुनाव लड़ा अब तक।
  • 2 बार नगर पालिका चेयरमैन का चुनाव लड़ चुके हैं।
  • 1 बार विधायक का चुनाव लड़े थे किशन।
  • 1 बार एमएलसी का चुनाव भी लड़ चुके हैं।
  • 2 बार लोकसभा चुनाव लड़े चुके किशन।
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